प्रभारी अधिकारी के भरोसे वनमंडल की कमान
– शासन की स्थान्तरण नीति में कटघोरा वनमंडल को नही मिला नया आईएफएस अधिकारी….
कोरबा। कटघोरा छत्तीसगढ़ में शासन द्वारा बीते शनिवार 05 अक्टूबर को वन विभाग मुख्यालय से बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करते हुए 08 आईएफएस अधिकारियों का तबादला किया गया। लेकिन इस तबादला नीति में कटघोरा वनमंडल को उपेक्षित रखा गया। जहाँ नए आईएफएस अधिकारी की पदस्थापना ना कर प्रभारी वनमंडलाधिकारी के भरोसे वनमंडल की बगडोर सौंप विभाग का संचालन कराया जा रहा है। जिससे अनेक योजनाओं का सुचारू क्रियान्वयन ना हो पाने के साथ कार्य भी प्रभावित हो चला है।
ज्ञात हो कि, वर्तमान में एसडीओ डीडी संत कटघोरा वनमंडल में बतौर प्रभारी डीएफओ के पद पर अपने दायित्व का निर्वह कर रहे है। जहाँ कुल 07 वनपरिक्षेत्र कटघोरा वनमंडल के अधीन आते है। जिसमे कटघोरा, एतमानगर, केंदई, जड़गा, पसान, चैतमा एवं पाली परिक्षेत्र शामिल है।प्रभारी डीएफओ डीडी संत इसके पूर्व उपवनमंडल पाली में एसडीओ रहे। जहाँ से उनका स्थान्तरण बिलासपुर किया गया था। इसी बीच वनमंडल कटघोरा में पदस्थ रहे आईएफएस अधिकारी राकेश चंदेल का स्थान्तरण मनेन्द्रगढ़ कर दिया गया।
बता दें कि, जिसके बाद आईएफएस की कुर्सी खाली थी।जहाँ विभाग के कार्यो का संचालन हेतु एसडीओ संत को बतौर प्रभारी डीएफओ के रूप में गत फरवरी 2019 को जिम्मेदारी सौंपी गई, जिनके कंधे द्वारा विभागीय कार्य का संचालन हो रहा है। गत 05 अक्टूबर को शासन की ओर से महानदी भवन स्थित वन विभाग मुख्यालय से जारी तबादला आदेश सूची में 08 आईएफएस अधिकारियों को इधर से उधर किया गया। इस तबादला नीति में कटघोरा वनमंडल को स्थान नही मिला और नए आईएफएस अधिकारी की पदस्थापना ना कर उपेक्षित रखा गया।
यह भी बता दें कि, प्रभारी डीएफओ के कंधे पर विभागीय दारोमदार सौंपा गया है। जिसके कारण विभागीय कामकाज काफी प्रभावित हो चला है, एवं विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन समय पर नही हो पा रहा है। ऐसे में राज्य शासन की स्थान्तरण नीति का विभागीय स्तर पर खूब आलोचना हो रही है। ना जाने कब कटघोरा वनमंडल में आईएफएस अधिकारी की पदस्थापना होगी और योजनाओं के संचालन के साथ कामकाज सुचारू होगा?