Slum-dwellers will soon get ownership rights
सुधीर चन्द्रा, नई दिल्ली। दिल्ली सचिवालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। बहुत जल्दी दिल्ली की कच्ची कालोनियों में रहने वालों की रजिस्ट्रियां खुल जाएंगी। उनका अपने घर का मालिकाना हक मिलने का सपना जल्द ही पूरा होने वाला है। अभी तक कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के साथ हमेशा धोखा होता आया है। चाहे केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकारें हों, चुनाव से पहले कच्ची कॉलोनी में रहने वाले लोगों के साथ बड़े-बड़े वादे करती है, और चुनाव खत्म होने के बाद सभी सरकारें अपने वादों को भूल जाती है। फिर पांच साल के कार्यकाल में कुछ नहीं किया जाता है। पांच साल बाद जब दोबारा चुनाव आते है, फिर से वही वादे दोहराए जाते है।
लेकिन इस बार जैसे ही हमारी सरकार बनी, पहले दिन से ही हमने ठान लिया था कि, हम कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को उनका हक दिलवाकर रहेंगे। पहले दिन से ही हमने इस मुद्दे पर काम करना शुरू कर दिया। हम लोगों ने 2 नवंबर, 2015 को कैबिनेट में प्रस्ताव पास करके केंद्र सरकार को भेज दिया था कि, कच्ची कालोनियों को पक्का किया जाए और वहां रहने वाले लोगों को उनका मालिकाना हक दिया जाए। कैबिनेट ने 2 नवम्बर को प्रस्ताव पास किया और हमने 12 नवंबर, 2015 को चिट्ठी लिखकर केंद्र सरकार को भेज दिया था।
केजरीवाल ने कहा कि, जनवरी 2015 से पहले जिन कच्ची कॉलोनियों ने नियमित करने के आवेदन दिये थे। उन सभी कॉलोनियों को सरकार की इस पहल का लाभ मिलेगा। यह जानकारी साझा करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है कि, केंद्र सरकार की ओर से हमारे इस प्रस्ताव पर बहुत ही सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। केंद्र सरकार कच्ची कालोनियों को पक्का करने के लिए तैयार है। मैं दिल्ली की जनता की ओर से और दिल्ली सरकार की ओर से केंद्र सरकार का धन्यवाद करना चाहता हूँ और दिल्ली की कच्ची कालोनियों में रहने वाली जनता को बधाई देना चाहता हूँ।
सीएम ने यह भी कहा कि, केंद्र सरकार का जो प्रस्ताव आया है। उसमें उन्होंने हमसे कुछ प्रश्न पूछे हैं। जिस बात को मैंने आज ही संबंधित विभागों के अधिकारियों और चीफ सेक्रेट्री की एक बैठक बुलाकर सभी को निर्देश जारी कर दिए हैं कि, वह जल्द से जल्द अगले तीन-चार दिन के अंदर इन सभी प्रश्नों के उत्तर केंद्र सरकार की संतुष्टि के मुताबिक तैयार करके केंद्र सरकार को भेजे जाएं। ताकि इस प्रस्ताव में आगे और कोई भी अर्चन ना आ सके। उसके बाद केंद्र सरकार इसको मंजूरी दे देगी और रजिस्ट्रियां खुलनी शुरू हो जाएंगी। साथ ही साथ मैंने रजिस्ट्री करने वाले विभाग को भी निर्देश जारी कर दिए हैं कि, प्रस्ताव की मंजूरी मिलने के पश्चात दिल्ली में बड़े स्तर पर रजिस्ट्रियां होना शुरू हो जाएंगी तो विभाग सभी प्रकार की तैयारियां अभी से शुरू कर ले ताकि, आगे चलकर किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न होने पाए। अगर हमें रजिस्ट्री के लिए कैंप लगाने की जरूरत पड़ी तो दिल्ली सरकार कैंप भी लगाएगी और अन्य जो भी काम सुविधा के मुताबिक करना पड़ेगा तो दिल्ली सरकार करेगी।
केजरीवाल ने कहा मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि, इन कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले गरीब लोगों का वर्षों पुराना जो सपना था कि, उनके मकानों का मालिकाना हक उन्हें मिल सके, बहुत जल्द ही उनकी अपनी सरकार इस सपने को पूरा करने जा रही है। अब तक इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की जिंदगी बहुत बत्तर हालत में थी। कच्ची कॉलोनी होने के कारण यहां कभी कोई विकास कार्य नहीं हुआ था। दिल्ली की बहुत बड़ी आबादी इन कच्ची कॉलोनियों में रहती है। यहां सड़कें कभी बनी ही नहीं थी। नालियां कभी बनी ही नहीं थी। सीवर और पानी की पाइप लाइन कभी डाली ही नहीं गई थी। यहां कभी कोई ड्रेनेज सिस्टम नहीं था। चारों तरफ़ गन्दगी का माहौल था।
जैसे ही दिल्ली में हमारी सरकार आई हम लोगों ने युद्ध स्तर पर इन कच्ची कॉलोनियों में विकास का काम शुरू किया। इन कच्ची कॉलोनियों में सड़क, नाली, गलियां इत्यादि के निर्माण के लिए दिल्ली सरकार लगभग 3500 करोड़ रुपये अब तक खर्च कर चुकी है। उसी प्रकार से लगभग 2500 करोड़ रुपए इन कच्ची कॉलोनियों में पानी और सीवर की पाइप लाइन डालने के लिए खर्च कर चुकी है। इस प्रकार से लगभग 6000 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार कच्ची कॉलोनियों में विकास कार्यों के लिए लगा रही है। दिल्ली में पहली बार कोई सरकार इतने बड़े स्तर पर कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए विकास के कार्य कर रही है।
पहली बार इतने बड़े स्तर पर इन कॉलोनियों में विकास के कार्य हो रहे हैं। अब उन सब लोगों को उनके मकानों की रजिस्ट्री पक्की रजिस्ट्री मिल जाएगी। उन सभी लोगों को उनके मकानों का मालिकाना हक मिल जाएगा। ऐसा इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि, सरकार बनने के पहले दिन से ही हमने इस पर काम करना शुरू कर दिया था।