केजरीवाल और केंद्रीय मंत्री ने किया सबसे बड़े एसटीपी का किया शिलान्यास

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केंद्र सरकार के सहयोग के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया :- अरविंद केजरीवाल

हमें जल के आंदोलन को जन का आंदोलन बनाना पड़ेगा1 श्री गजेंद्र सिंह शेखावत।

मुझे विश्वास है कि हम मिलकर यमुना नदी को जल्द साफ करने में जरूर कामयाब होंगे। हमें जल के आंदोलन को जन का आंदोलन बनाना पड़ेगा। ओखला स्थित यह एसटीपी रोजाना 56.4 करोड़ लीटर अशोधित जल का शोधन करेगा।

 नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आजओखला में भारत के सबसे बड़े एसटीपी का शिलान्यास किया। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने ट्वीट के माध्यम से दिल्ली को बधाई। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ देश के सबसे बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास किया। यह एसटीपी रोजाना 56.4 करोड़ लीटर अशोधित जल का शोधन करेगा। इससे यमुना में बहाये जाने वाले सीवेज की मात्रा में बहुत बड़े स्तर पर कमी आएगी। केजरीवालएक अन्य ट्वीट में केजरीवाल ने लिखा कि, केंद्र सरकार के सहयोग के लिए हम बहुत-बहुत शुक्रिया करते है। मुझे विश्वास है कि, हम मिलकर यमुना नदी को जल्द साफ करने में जरूर कामयाब होंगे।

इस मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद ने कहा कि, मुझे बेहद खुशी है कि, देश के सबसे बड़े एसटीपी का शिलान्यास हो रहा है। केंद्र सरकार इसके लिए 85 फीसदी फंडिंग दे रही है। फंडिंग के अलावा केंद्र सरकार की तरफ से हमें पूरा सहयोग मिला है। उसके लिए हम शुक्रगुजार हैं।

केजरीवाल ने यह भी कहा कि, यह एसटीपी रोजाना 56.4 करोड़ लीटर गंदे पानी को ट्रीट करेगा। लेकिन रोजाना 56.4 करोड़ लीटर शोधित पानी के इस्तेमाल का अभी तक कोई प्लान नहीं बन सका है। मैंने इंजीनियर्स से पूछा तो ये पता चला कि इस पानी को यमुना में बहा दिया जाएगा। इस पानी को हम बर्बाद नहीं कर सकते। हमें इस पानी के बेहतर इस्तेमाल का प्लान बनाना है। दरअसल, हरियाणा के बॉर्डर वाले इलाकों में सिंचाई के लिए पानी की बहुत दिक्कत है। यहां से ट्रीट किया हुआ पानी सिंचाई के लिए बहुत अच्छा है। अगर हम यहां से निकलने वाला रोजाना 56.4 करोड़ लीटर पानी हरियाणा को दे दें तो वहां ये सिंचाई के लिए इस्तेमाल हो सकता है। बदले में इतना ही पानी हरियाणा, उत्तर में हमें पल्ला में दे दे। इससे दिल्ली और हरियाणा दोनों का फायदा है।

श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, देश और दुनिया में लगातार पानी कम हो रहा है। जनसंख्या बढ़ती जा रही है। पानी पर दबाव बढ़ रहा है। इसलिए अब हमें दो चीजों पर जोर देना होगा। पानी की रिसाइकलिंग और पानी की रिचार्जिंग। इस दिशा में हम काम कर रहे हैं। हम यमुना के अंदर बारिश के पानी का बहुत बड़े स्तर पर रिचार्जिंग करने जा रहे हैं। हर साल बारिश के दौरान यमुना में बहुत सारा पानी बह जाता है। अगर उस पानी को हम जमीन के अंदर इकट्ठा कर लें तो साल भर की दिल्ली की पानी की जरूरत पूरी हो सकती है। अभी हम इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए भी हमें केंद्र सरकार की तरह से बहुत सहयोग मिल रहा है।

इसके अलावा हम दिल्ली में एक अन्य प्रयोग भी करने जा रहे हैं। हम कोरोनेशन प्लांट के एसटीपी का शोधित पानी पल्ला में छोड़ेंगे। इसके बाद पल्ला से 20 किमी दूर वजीराबाद में उस पानी को वापस निकालेंगे। इसके बाद इसे ट्रीट करके लोगों तक पहुंचाया जाएगा। अगर ये प्रयोग सफल हो गया तो दिल्ली और देश के लिए बहुत बड़ी संभावनाएं पैदा करेगा।

मुख्यमंत्री ने ये भी कहा, दिल्ली, देश की राजधानी है। यहां सबका स्वागत है। दिल्ली का बहुत तेजी से विस्तार हो रहा है। लेकिन यहां पानी का अपना कोई स्रोत नहीं है। उत्तर प्रदेश हरियाणा से हमें काफी पानी मिलता है। हम केंद्र सरकार से ये अपील तो करेंगे कि हमें बाहर से और पानी दिलवाएं लेकिन एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें अपने स्तर पर भी पानी के रिसाइकलिंग और रिचार्जिंग के भरसक प्रयास करने होंगे। दिल्ली सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू किये हैं।

इस मौके पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि दिल्ली के लिए ये ऐतिहासिक अवसर है। पानी की कमी हम लोगों के लिए वाकई में चिंता का विषय है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी पड़ेगी। जल संकट से निपटने के लिए हमें वाटर हार्वेस्टिंग और ग्राउंड वाटर रिचार्ज पर बहुत जोर देने की जरूरत है। हमें इसको आम आदमी का आंदोलन बनना होगा। मैं चाहूंगा कि यह दिल्ली के प्रत्येक व्यक्ति के लिए  चिंता और चर्चा का विषय बने। हमें जल के आंदोलन को जन का आंदोलन बनाना पड़ेगा।

श्री शेखावत ने कहा, हमें पानी के विवेकपूर्ण इस्तेमाल की बहुत जरूरत है। हमें देखना होगा कि यहां से ट्रीट किये गये रोजाना 56.4 करोड़ लीटर पानी का हम किस तरह से विवेकपूर्ण इस्तेमाल कर सकते हैं। हमें देखना होगा कि यहां से निकलने वाले पानी का हम एयरकंडीशनर्स में कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं, इस पानी का इंडस्ट्री में हम कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां से रोजाना निकलने वाला 56.4 करोड़ लीटर पानी बहुत बड़ी धरोहर है। इसका सही इस्तेमाल करके हम परिवर्तन ला सकते हैं। ऐसा करके दिल्ली, देश और दुनिया के लिए उदाहरण प्रस्तुत कर सकती है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, मैं श्री केजरीवाल जी को इस बात के लिए बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने यमुना में वाटर रिचार्ज के लिए एक बड़ी योजना अपने हाथ में ली है। हम लोग सब मिलकर काम करेंगे और जल को आम जन की चर्चा और चिंता का विषय बना पाएंगे तो पानी के मामले में आने वाले वक्त में खुद को सुरक्षित कर पाएंगे।