सरकार के फैसले के विरोध में उतरी उत्तराखंड मैक्सी-टैक्सी महासंघ। की चार धाम यात्रा को शुरू करने की मांग
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। चारधाम यात्रा राज्य सरकार द्वारा स्थगित किए जाने से उत्तराखंड मैक्सी-टैक्सी महासंघ द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। इसी को लेकर आज रेलवे रोड स्थित मैक्सी टैक्सी महासंघ कार्यालय पर बैठक आयोजन की गई। बैठक के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से संयुक्त रूप से उत्तराखंड चारधाम यात्रा को कोरोना के नियमों की शर्तों के साथ संचालन किए जाने की मांग की। मैक्सी टैक्सी महासंघ से जुड़ी यूनियनों के प्रतिनिधियों ने सरकार से यह भी मांग की कि, वर्ष 2019-20 में पहले से ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा में आवागमन शून्य रहा है और अब वर्ष 2021 की चारधाम यात्रा यदि संचालित नहीं होगी तो उत्तराखंड का पर्यटन उद्योग पूर्ण तरीके से समाप्त होकर भुखमरी के कगार पर आ जाएगा। इसी को देखते हुए राज्य सरकार को पर्यटन उद्योग से जुड़े सभी व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर जिला अधिकारियों के माध्यम से नई योजनाएं बनाए जाने पर जोर दिया जाए।
उत्तराखंड मैक्सी टैक्सी महासंघ के संरक्षक संजय चोपड़ा ने कहा कि, राज्य में कोविड- 19 की महामारी भी एक चुनौती के समान है। ऐसी चुनौती के साथ-साथ उत्तराखंड वासियों का तीर्थाटन व पर्यटन व्यापार कैसे संचालित हो इसके लिए राज्य सरकार को चिंतन करने की आवश्यकता हैं।
इनका कहना है कि, वर्ष 2019 में उत्तराखंड हरिद्वार, ऋषिकेश में ट्रेनों का संचालन मरम्मत कार्यों की वजह से बंद किया गया था और उस वक्त से अब तक कोविड-19 की वैश्विक महामारी की वजह से उत्तराखंड चारधाम यात्रा संचालित ना होने के कारण आज उत्तराखंड का ट्रांसपोर्ट व पर्यटन उद्योग पूर्ण रूप से बर्बादी की और खड़ा है। इनका कहना है कि, जब कुंभ का मेला किया जा सकता है, यूपी में पंचायत चुनाव हो सकते हैं और बंगाल में चुनाव किए जा सकते हैं, तो चार धाम यात्रा क्यों संचालित नहीं की जा सकती। कोरोना की महामारी बढ़ रही है उसके लिए संसाधन जुटाए जा सकते हैं। पर्यटन उद्योग से जुड़े सभी व्यापारियों की आजीविका को संचालित करने के लिए राज्य सरकार को चारधाम यात्रा संचालन करने के लिए पुनः विचार करना चाहिए।
बता दें कि, राज्य सरकार द्वारा चार धाम यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। इसी को लेकर उत्तराखंड मैक्सी-टैक्सी महासंघ द्वारा इसका विरोध किया गया है और सरकार से मांग की गई है कि, जिस तरह से कुंभ मेले को कोरोना महामारी के बीच कराया गया है उसी तरह से चार धाम यात्रा को भी सुचारू तरीके से चलाया जाए।