कुम्भ पर पड़ा कोरोना का असर। पहले दिन श्रद्धालुओं में देखने को मिला कोरोना का खौफ
– घाटों पर कोरोना से बचाव के तमाम इंतजाम मौजूद
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
धर्म नगरी हरिद्वार में महाकुंभ का आगाज हो गया है। राज्य सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी करने के बाद आज से कुंभ की विधिवत शुरुआत हो गई। मगर कोरोना का खौफ कुंभ के पहले दिन हरकी पैड़ी से लेकर तमाम गंगा घाटों पर साफ नजर आया। हालात यह थे कि और दिनों की तुलना में हरकी पैड़ी पर जहां बमुश्किल तीस फीसदी लोग ही स्नान करने पहुंचे। वहीं अधिकतर अन्य घाट सुनसान ही नजर आए। जबकि बीता कुंभ हो या फिर किसी और साल का अप्रैल माह गंगा घाट श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भरे रहते थे। इसके साथ ही मेला प्रशासन द्वारा हाई कोर्ट और राज्य सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देश के बाद घाटों पर कोरोना महामारी के बचाव के तमाम इंतजाम किए गए हैं।
चार माह से घटकर एक माह के कुंभ आयोजन होने के बाद भी श्रद्धालुओं में गंगा स्नान को लेकर उत्सुकता नजर नहीं आ रही है। कुंभ का पहला दिन होने पर उम्मीद जताई जा रही थी कि, काफी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार का रुख करेंगे, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था पर एक बार फिर कोरोना का खौफ भारी पड़ता नजर आ रहा है। गंगा स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं का कहना है कि, कोरोना महामारी के कारण श्रद्धालुओं में डर बना हुआ है। मगर गंगा के प्रति सभी की आस्था है। इसी कारण हम गंगा स्नान करने हरिद्वार आए हैं। सरकार और प्रशासन द्वारा काफी अच्छी व्यवस्था की गई है। हर की पौड़ी और आस-पास के घाटों पर सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। साथ ही माक्स पहनने के लिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसी प्रकार की व्यवस्था की जाएगी। तभी श्रद्धालु हरिद्वार आएंगे। क्योंकि अभी काफी कम मात्रा में श्रद्धालु हरिद्वार आ रहे हैं। मगर श्रद्धालुओं का कहना है कि, कोरोना पर आस्था जरूर भारी पड़ेगी।
महाकुंभ पर कोरोना के खतरे को देखते हुए मेला प्रशासन द्वारा भी तमाम तरह की तैयारियां की गई है। कुंभ मेले के अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह का कहना है कि, भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा जो गाइडलाइन जारी की गई है और हाई कोर्ट द्वारा भी निर्देश दिए गए हैं, उसका अनुपालन हमारे द्वारा कराया जा रहा है। कुंभ मेले में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को पंजीकरण कराना और कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है। कोरोना को देखते हुए मेला प्रशासन द्वारा तमाम घाटों पर सैनिटाइजर की मशीनें लगाई गई है और माक्स भी वितरण किए जा रहे हैं। साथ ही श्रद्धालुओं की कम संख्या को लेकर इनका कहना है कि कोरोना का खौफ श्रद्धालुओं में नहीं है। अब श्रद्धालु जागरूक हो गए हैं। 11 मार्च के शाही स्नान पर काफी संख्या में भीड़ देखने को मिली थी और उस वक्त सिर्फ सात संन्यासी अखाड़ों द्वारा स्नान किया गया था। अब आने वाले शाही स्नान पर 13 अखाड़े स्नान करेंगे और एक अलग ही माहौल देखने को मिलेगा। उनका कहना है कि, बॉर्डर पर हमारे द्वारा लगातार टेस्टिंग की जा रही है। आवश्यकता पड़ी तो उसको और बढ़ाया जाएगा। क्योंकि हाई कोर्ट द्वारा भी निर्देशित किया गया है।
सरकार द्वारा कोरोना को लेकर जारी की गई एसओपी में 12 प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं पर कोविड आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट की बाध्यता ने भी लोगों को हरिद्वार आने से रोक दिया हैं। जिस तरह देश के कई राज्यों में कोरोना तेजी से अपने पांव पसार रहा है, उसका असर कुंभ मेले पर पड़ना तय माना जा रहा है। मगर उसके बावजूद भी मेला प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी को देखते हुए काफी इंतजाम किए जा रहे हैं। जिससे कुंभ मेले में कोरोना महामारी के प्रकोप से बचा जा सके।