सरकार एससी/एसटी आरक्षण को संविधान की नौंवी सूची में करें शामिल
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। अनुसूचित जाति-जनजाति शिक्षक एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सरकार से एससी/एसटी आरक्षण को संविधान की नौंवी सूची में शामिल करने की मांग की है। इस संबंध में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा गया है कि, वर्ष 2012 से प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में बिना संवैधानिक प्रक्रिया अपनाए एससी/एसटी को पदोन्नति में आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। जबकि 24 सितंबर 1932 में पूना पैक्ट में इस वर्ग को समानता आने तक प्रतिनिधित्व दिये जाने का समझौता हुआ था।
संविधान के भाग 3 में अनुछेद 16 में लोकनियोजन अवसर की समानता की व्यवस्था विद्यमान है। वर्ष 1992 के उपरांत 77वें और 85वें संविधान संशोधन के दृष्टिगत अनुछेद 16 में वर्णित प्रावधानों के कारण राज्य सरकारों को एससी/एसटी वर्ग के लोक सेवकों को पदोन्नति के अवसर पर आरक्षण का लाभ अनुमन्य करने हेतु समर्थकारी शक्ति प्रदान की गयी है। पिछले कुछ समय से सरकारी विभागों में असमानता काफी बढ़ी है।
इसलिए लोक सेवकों को पदोन्नति में आरक्षण का अवसर दिया जाना नितांत आवश्यक है। ज्ञापन में सरकार से राज्यसभा में पारित एवं लोकसभा में लम्बित 117वें संविधान संशोधन बिल 2012 को पारित करवाकर संविधान की 9वीं अनुसूची में सम्मालित करने की मांग की गई। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह आर्य व महामंत्री जगदीश राठी शामिल रहे।