पित्र अमावस्या के दिन पौराणिक नारायणी शिला मंदिर रहेगा श्रद्धालुओं के लिए बंद। प्रशासन ने किये सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
– हर की पौड़ी और तमाम गंगा घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग से कराया जाएगा गंगा स्नान
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। कल पितृ पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या पर धर्मनगरी हरिद्वार स्थित पौराणिक नारायणी शीला पर किए जाने वाले कर्म कांड और अनुष्ठान के लिए नारायणी शिला को हरिद्वार में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के चलते श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। इसके लिए पुलिस प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है और नारायणी शीला पर पुलिस बल तैनात किया गया है। हरिद्वार सीओ सिटी ने भी मौके पर पहुंचकर नारायणी शीला का निरीक्षण किया और इस मामले में मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को उचित दिशा निर्देश भी दिए। वही इस दौरान सीओ सिटी ने कल हरकी पैड़ी पर स्नान को लेकर कोरोना की गाईडलाइन के अनुसार कार्य करने की बात भी कही।
बता दें कि, श्राद्ध को मुक्ति का मार्ग भी माना जाता है और पितृ पक्ष के दौरान किये जाने वाले श्राद्ध का विशेष असर पड़ता है। पितृ पक्ष का श्राद्ध सभी मृत पूर्वजों के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि, पितृ पक्ष में सभी पितृ यमलोक से पृथ्वी लोक पर आ जाते हैं। हरिद्वार मुक्ति का द्वार है, हरिद्वार में पौराणिक नारायणी शीला मंदिर में पिंडदान और अपने पितरों का श्राद्ध करने से पितरों को मुक्ति मिलती है। बिहार में गया जी को सबसे बड़ा पितृ तीर्थ माना जाता है। गया में पितृ पक्ष के दिन पूर्ण गया जी करने से पितरों को प्रेत योनि से मुक्ति मिल कर मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी के साथ ही हरि के द्वार हरिद्वार में नारायणी शिला मंदिर की भी विशेष मान्यता है। नारायणी शिला मंदिर पर पिण्डदान और श्राद्ध कर्म करने से पित्रों को मोक्ष के साथ ही लोगो को सुख-सम्पत्ति भी मिलती है। मगर इस बार कोरोना संक्रमण के चलते कल पड़ने वाली पितृ अमावस्या पर पौराणिक नारायणी शीला को बंद किया गया है।
पौराणिक नारायणी शीला को कल पितृ अमावस्या पर बंद किए जाने पर हरिद्वार की सीओ सिटी पूर्णिमा गर्ग का कहना है कि, कल पड़ने वाली पितृ अमावस्या पर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं के द्वारा ज्यादातर अनुष्ठान नारायणी शीला मंदिर पर किए जाते है। कोरोना संक्रमण के चलते कल नारायणी शीला मंदिर को प्रशासन ने बंद किया है। इस दौरान कोरोना की सभी गाईडलाइन का पालन पुलिस द्वारा कराया जाएगा। हरकी पैड़ी पर स्नान के दौरान भी गाईडलाइन के अनुसार कार्य किया जाएगा और कही पर भी भीड़ को इक्खट्टा नही होने दिया जाएगा। कल पितृ अमावस्या के दौरान सभी ड्यूटी स्थानों पर मंदिरों में घाटो और आने जाने के मार्ग पर पुलिस बल पर्याप्त संख्या में तैनात रहेगा।
वही नारायणी शीला मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि, इस समय संक्रमण काल के चलते सरकार की गाईडलाइन है कि, 50 से ज्यादा व्यक्ति एक स्थान पर जमा नही हो सकते है। इसको देखते हुए सभी श्रद्धालुओ से कहा गया है कि, वह अपना श्राद्ध कर्म घर पर ही करें। सभी के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि, कल मंदिर को बंद रखा जाये, श्रद्धलुओं के दर्शन के लिए भी मंदिर नही खोला जाएगा। पितृ विसर्जनी अमावस्या 16 दिन के पक्ष का अंतिम दिन है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा की राशि मिलती है। इस दिन चंद्रमा नही निकलते, श्राद्ध पक्ष में कोई त्रुटि हो जाये, श्राद्ध भूल जाये, उन बातो की निष्पक्ति और जिन पितरो की तिथि का ध्यान नही होता है उन सबके निमित्त कर्म करने का दिन कल पितृ अमावस्या का होता है। अमावस्या के दिन आप स्नान अगर गंगा के तट पर नही कर पाये तो कही पर भी गंगा में स्नान किया जा सकता है। घर पर भी माँ गंगा का ध्यान कर स्नान करने पर वही पुण्य की प्राप्ति होती है। जो गंगा तट पर स्नान करने से प्राप्त होती है। इस दिन दान भी घर से करने पर सहस्त्र फल की प्राप्ति होती है।
कल पड़ने वाली पितृ अमावस्या पर हरिद्वार स्थित पौराणिक नारायणी शीला मंदिर को कोरोना संक्रमण के चलते बंद किया गया है और इसके लिए पुलिस और प्रशासन ने पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने की व्यवस्था की गई है। मंदिर के मुख्य पुजारी मनोज त्रिपाठी के अनुसार कोरोना संक्रमण के चलते सभी के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। वही कल श्रद्धालु अपने पितरों के निमित्त करने वाला श्राद्ध कर्म कल नारायणी शीला पर नही कर पाएंगे।