नैनीताल पंचायत चुनाव विवाद पर HC सख्त, मुख्य न्यायाधीश ने कहा, एसएसपी ड्यूटी में फेल
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय में नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव में हुई कथित धांधली और हिंसा को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को अहम सुनवाई हुई।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी नैनीताल और एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा से शपथपत्र (एफिडेविट) तलब किया है।
कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि मतदान केंद्र के 100 मीटर दायरे में हुई घटनाओं और वायरल वीडियो में दिखे हंगामे पर विस्तृत रिपोर्ट मंगलवार तक दाखिल की जाए।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि “नैनीताल सिर्फ पर्यटन स्थल नहीं है, यह हाईकोर्ट की सीट भी है। यहां तलवारबाज गुंडे खुलेआम घूमेंगे और पुलिस को खबर तक नहीं होगी, तो जनता में क्या संदेश जाएगा?”
उन्होंने यह भी कहा कि “यह सामान्य चुनाव नहीं था, पूरा गैंग शामिल था। यह आपके खुफिया तंत्र की नाकामी है।” मुख्य न्यायाधीश ने यहां तक कह दिया कि “एसएसपी नैनीताल को ड्यूटी में नाकामी पर ट्रांसफर कर देना चाहिए।”
याचिकाकर्ता पक्ष ने कोर्ट के सामने वीडियो प्रस्तुत किया, जिसमें कथित रूप से हल्द्वानी के आईटीआई गैंग के 13 गुंडे हथियारों के साथ दिखाई दे रहे हैं।
अधिवक्ता देवेंद्र पाटनी ने कहा कि मतदान का समय बढ़ाकर शाम 5 बजे तक कर दिया गया और रात 3 बजे मतगणना कराकर परिणाम घोषित कर दिए गए। अधिवक्ता देवीदत्त कामथ ने इसे “लोकतंत्र की हत्या” बताते हुए चुनाव रद्द कर दोबारा मतदान कराने की मांग की।
वहीं, सरकार और पुलिस की ओर से पेश महाधिवक्ता ने दावा किया कि मतदान केंद्र के अंदर कोई गड़बड़ी नहीं हुई, जो भी हंगामा हुआ वह बाहर था।
एसएसपी ने भी कोर्ट में कहा कि तलवार वाला वीडियो चुनाव वाले दिन का नहीं है और आरोपियों की पहचान कर ली गई है, जल्द गिरफ्तारी होगी। जिलाधिकारी नैनीताल ने भी नियमावली के अनुसार पूरी प्रक्रिया कराए जाने का दावा किया।
कोर्ट ने निर्वाचन आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उसे स्पष्ट करना होगा कि मतगणना और चुनाव प्रक्रिया में क्या-क्या कदम उठाए गए। अब इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।