IAS और PCS अधिकारियों के बंपर तबादले। देखें लिस्ट….
देहरादून। धामी सरकार ने गुरुवार देर रात नौकरशाही के जमकर पत्ते फेंट दिए। कुल मिलाकर 31 आइएएस और 24 पीसीएस अफसरों समेत कुल 57 अधिकारियों के पदभार एक ही झटके में बदल डाले गए।
अधिकतर बदलाव में ऐसा एडजस्टमेंट नजर आया है, जो स्वाभाविक है। वहीं, चंद ऐसे बदलाव भी हैं, जिनमें कुछ अधिकारी खुद को ओवरलोड महसूस कर रहे थे। ऐसे अधिकारियों को शासन ने हल्का किया है।
आइएएस अफसर सचिव सचिन कुर्वे की बात करें तो उन्हें लगभग पैदल ही कर दिया गया है। अब उनके पास सचिव नागरिक उड्डयन का ही पदभार बचा है। हालांकि, इसके पीछे की उनकी कई वजह मानी जा रही हैं। जिसको लेकर जल्द बड़ी खबर देखने को मिल सकती है।
प्रदेश के सबसे बड़े नौकरशाह मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन से जलागम के मुख्य परियोजना निदेशक का जिम्मा वापस लिया गया है। यह एक विशुद्ध एडजस्टमेंट है।
क्योंकि, अब यह जिम्मेदारी उनकी रैंक के हिसाब से फिट नहीं बैठ रही थी। अब मुख्य सचिव बर्द्धन के पास उनकी रैंक को जस्टिफाई करते पद ही शेष रह गए हैं।
हाल में जिस तरह उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी (UUSDA) में तमाम तरह की अनियमितता सामने आ रही है और उनकी बखूबी अनदेखी भी की जा रही है, उस हिसाब से देखें तो सचिव चंद्रेश कुमार से यूयूएसडीए के कार्यक्रम निदेशक का जिम्मा वापस लिया जाना बड़ा संकेत है।
चंद्रेश कुमार की वर्ल्ड बैंक फंडेड प्रोजेक्ट से विदाई मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जीरो टॉलरेंस की अवधारणा को बल देने वाला प्रतीत होती है।
दूसरी तरफ देखें तो महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा के पद से अभिषेक रूहेला की कुछ दिनों के भीतर ही विदाई भी सबसे बड़े कार्मिक संख्या वाले विभाग की जटिलता और उसे साधने की महारत की दिशा में कई संकेत देने वाली है। अब इस पद पर दीप्ति सिंह की ताजपोशी अहम मानी जा रही है।
आइएएस अफसरों के स्थानांतरण का मजमून भांपें तो डॉ श्रीधर बाबू अद्दांकी पर भरोसा दिखाने का प्रयास किया गया है।
युगल किशोर पंत, धीराज गर्ब्याल, रंजना राजगुरु, स्वाति एस भदौरिया, नवनीत पांडे, प्रशांत आर्य, दीप्ति सिंह और मनीष कुमार पर भी खासा सरकार ने दिखाया है। वहीं, कई अधिकारियों को उनकी मंशा के हिसाब से हल्का भी किया गया है।
पीसीएस अधिकारियों के दायित्व में फेरबदल की बात करें तो कुछ-एक को छोड़कर सभी निर्णय सामान्य रूप से लिए गए हैं। जिसमें पीसीएस अधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी (नगर आयुक्त ऋषिकेश) के जरूर बार-बार स्थानांतरण किए जा रहे हैं।
अन्य ऐसे किसी भी अधिकारी को नहीं छेड़ा गया है, जो मौजूदा जिम्मेदारी में फिट हैं। कुल मिलाकर दूसरी पंक्ति के वरिष्ठ अधिकारियों के स्थानांतरण में बखूबी बैलेंस बनाया गया है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि अभी ऊपर से लेकर नीचे तक कुछ और बदलाव लंबित हैं।