पहल: DBUU में पहली बार फार्मास्युटिकल साइंस को तकनीकी और उद्योग से जोड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन

DBUU में पहली बार फार्मास्युटिकल साइंस को तकनीकी और उद्योग से जोड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन

देहरादून। उत्तराखंड, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है, में स्थित देव भूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में लगातार योगदान दे रहा है।

इस विश्वविद्यालय में फार्मास्युटिकल साइंस को तकनीकी और उद्योग से जोड़ने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है।

यह कांफ्रेंस दो दिवसीय होगी और इसका आयोजन 17 जनवरी से किया जाएगा। फार्मेसी कौंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. मोन्टूकुमार एम पटेल इस कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि होंगे। इस कांफ्रेंस में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भाग लेंगे, जो फार्मेसी के छात्रों और शिक्षकों को अपने अनुभव और ज्ञान से प्रेरित करेंगे।

कांफ्रेंस का विषय “फार्मा कनेक्ट – इंटेग्रेटिंग साइंस, इंडस्ट्री एंड टेक्नोलॉजी फॉर ए सस्टेनेबल फ्यूचर” (PC-ISIT25) रखा गया है, और अब तक हजारों डेलीगेट्स ने पंजीकरण कराया है।

कांफ्रेंस में लगभग 250 शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमें लगभग 55 प्रमुख फार्मेसी संस्थानों से प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, जो इस कांफ्रेंस को एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बना देगा।

कांफ्रेंस के आयोजन को लेकर एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन शहर के प्रतिष्ठित होटल में किया गया, जिसमें देव भूमि उत्तराखण्ड यूनिवर्सिटी के वाइस प्रेजिडेंट श्री अमन बंसल जी ने कार्यक्रम के उद्देश्य और रूपरेखा पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि इस कांफ्रेंस के दौरान फार्मास्युटिकल साइंस की जटिल चुनौतियों पर मंथन किया जाएगा और फार्मेसी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग के इस्तेमाल से नई दवाओं की खोज, उनके फार्मूलेशन और परीक्षण पर भी चर्चा होगी। यह कांफ्रेंस फार्मेसी के छात्रों और शिक्षकों को समसामयिक शोध से अवगत कराएगी।

कांफ्रेंस की आयोजन अध्यक्षा, कुलपति डॉ. प्रीति कोठियाल ने इस अवसर पर कहा कि यह कांफ्रेंस फार्मास्युटिकल साइंसेज में हो रहे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान और आधुनिक तकनीकों के विकास पर केंद्रित होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि कांफ्रेंस के मुख्य उद्देश्य में एक स्थायी भविष्य के लिए सहयोग, भविष्य के फार्मासिस्टों के लिए डिजिटल कौशल का विकास, फार्मेसी अभ्यास के सफल मॉडलों का प्रकाशन, जैव सूचना विज्ञान पर चर्चा और पारंपरिक चिकित्सा का उपयोग आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल में शामिल हैं।

इस कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. रजीत कुमार सिन्हा, सेक्रेटरी, डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन, उत्तराखंड उपस्थित होंगे।

इसके अलावा, कांफ्रेंस के समापन सत्र में डॉ. दुर्गेश पंत, डायरेक्टर जनरल, उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद और डॉ. प्रमोद प्रसाद, साइंटिस्ट, एएनआरएफ भी मौजूद रहेंगे। इस अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान और मुख्य वक्ता भाग लेंगे, जो फार्मास्युटिकल साइंस के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण चर्चाएं करेंगे।