शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी वेरिफिकेशन रिपोर्ट
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्राईमरी व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजो के आधार पर लगभग साढ़े तीन हजार शिक्षकों की नियुक्ति मामले में राज्य सरकार से दो माह के भीतर जिन शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन नहीं हुआ है, उसको पूरा करके रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
मामले के अनुसार हल्द्वानी की स्टूडेंट वैलफेयर सोसायटी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि राज्य के प्राईमरी और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लगभग साढ़े तीन हजार अध्यापक जाली दस्तावेजो के आधार पर फर्जी तरीके से नियुक्त किये गए हैं।
जिनमे से कुछ अध्यापको की एस.आई.टी. जाँच की गई जिसमें खचेड़ू सिंह, ऋषिपाल, जयपाल के नाम सामने आए किंतु विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इनको क्लीन चिट दे दी गयी और ये आज भी कार्यरत हैं।
संस्था ने इस प्रकरण की एस.आई.टी. से जाँच कराने को कहा है। पूर्व में राज्य सरकार ने अपने शपथपत्र में कहा था कि, इस मामले की एस.आई.टी. जांच चल रही है। अभी तक 84 अध्यापक जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी पाए गए हैं, उन पर विभागीय कार्यवाही चल रही है।