अंकिता भंडारी हत्याकांड की CBI जांच की मांग को लेकर RRP का DM कार्यालय पर प्रदर्शन
देहरादून। उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में सामने आए नए खुलासों और वायरल ऑडियो–वीडियो के बाद मामले को दोबारा खोलने की मांग तेज हो गई है।
इसी क्रम में राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन कर सीबीआई जांच और एसआईटी जांच को पुनः शुरू करने की मांग की।
प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में गवाहों के बयानों में विरोधाभास, नए तथ्यों की अनदेखी और संभावित सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को मामला सौंपने की मांग की गई।
प्रदर्शन के दौरान सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि यह लड़ाई केवल अंकिता भंडारी के परिवार को न्याय दिलाने की नहीं, बल्कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि नए तथ्यों को नजरअंदाज करना न्याय के साथ अन्याय होगा।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि मामले में राजनीतिक दबाव और साजिश की आशंका लगातार गहराती जा रही है। नए सबूत सामने आने के बाद सीबीआई जांच अनिवार्य हो गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
महानगर अध्यक्ष नवीन पंत ने कहा कि यह मामला महिलाओं के खिलाफ अपराध और सत्ता के दुरुपयोग का प्रतीक बन चुका है। एसआईटी जांच की खामियों को दूर करने के लिए इसे नए सिरे से शुरू किया जाना चाहिए।
ज्ञापन को जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा गया। पार्टी नेताओं ने साफ किया कि मांगें नहीं मानी गईं तो राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।
गौरतलब है कि मई 2025 में इस मामले में तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन दिसंबर 2025 में वायरल हुए ऑडियो–वीडियो और नए आरोपों के बाद यह मामला फिर चर्चा में आ गया है।
कांग्रेस भी कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग कर चुकी है, जबकि भाजपा ने आरोपों को राजनीतिक साजिश करार दिया है।
प्रदर्शन में राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल, प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल, सैनिक प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष भगवती प्रसाद नौटियाल, महानगर अध्यक्ष नवीन पंत सहित बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।


