धनारी में सड़क संघर्ष के बीच संकट। तंबू फाड़कर घुसे जंगली सुअर, आंदोलनकारी घायल
- द्वाराहाट के धनारी क्षेत्र में खस्ताहाल सड़कों को लेकर ग्रामीण 15 नवंबर से अनशन पर
रिपोर्ट- अमित भट्ट
देहरादून। द्वाराहाट के धनारी क्षेत्र में खस्ताहाल सड़कों की मरम्मत और बसेरा बैंड तक सड़क निर्माण की मांग को लेकर जारी ग्रामीणों का क्रमिक अनशन बीती रात भयावह घटनाओं का साक्षी बना।
ठंड में तंबू लगाकर रातभर अनशन पर बैठे ग्रामीणों पर देर रात जंगली सुअरों के झुंड ने अचानक हमला कर दिया, जिसके बाद अफरा-तफरी मच गई।
हमले से बचने के लिए ग्रामीण अंधेरे में सड़क किनारे ढलान की ओर कूद पड़े। इस दौरान दो ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हुए।
- बीरबल सिंह की एड़ी में फ्रैक्चर
- महेंद्र सिंह की कमर में गंभीर चोट
शोरगुल सुनकर अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे, तब जाकर सुअरों का झुंड तितर-बितर हुआ। घटना के बाद भी ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना रहा। दोनों घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। विशेष बात यह रही कि उपचार के बाद महेंद्र सिंह फिर से धरने स्थल पर लौट आए।
कड़ाके की ठंड और जंगल के खतरे में संघर्ष
धनारी के ग्रामीण 15 नवंबर से सड़क निर्माण और मरम्मत की मांगों को लेकर क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। सड़कें बदहाल होने से आवागमन बेहद मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण उन्हें कड़ाके की ठंड और जंगली जानवरों के खतरे के बीच तंबू लगाकर सड़क किनारे आंदोलन करना पड़ रहा है।
बुधवार सुबह घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के गांवों के ग्राम प्रधान, सामाजिक कार्यकर्ता और पंचायत प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और आंदोलनरत ग्रामीणों का समर्थन किया।
ग्रामीणों की चेतावनी: बिना समाधान आंदोलन वापस नहीं
स्थानीय प्रतिनिधियों ने साफ कहा कि यह घटना दिखाती है कि क्षेत्र में व्यवस्थाएं कितनी लचर हैं। ग्रामीणों ने दो टूक कहा कि,
- सड़क निर्माण और मरम्मत की ठोस कार्रवाई के बिना आंदोलन खत्म नहीं होगा।
- जंगली जानवरों का बढ़ता खतरा प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है।
- बुनियादी सुविधाओं से कम पर कोई समझौता नहीं होगा।
व्यवस्था पर गंभीर सवाल
जंगली सुअरों के इस हमले ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में प्रशासनिक अनदेखी और वन्यजीव खतरे को सामने ला दिया है। आंदोलन स्थल पर हुई यह घटना स्थानीय व्यवस्था और सुरक्षा दोनों पर बड़े सवाल खड़े करती है।


