उधमसिंह नगर में बड़ी कार्रवाई। पुलिस मुठभेड़ में लुटेरे गिरफ्तार, काशीपुर में 8 लाख की कंट्रोल्ड ड्रग्स बरामद
- पंतनगर में दो आरोपी गोली लगने से घायल, काशीपुर में यूपी का तस्कर NDPS एक्ट में गिरफ्तार
रुद्रपुर/काशीपुर: उधम सिंह नगर पुलिस ने अलग–अलग मामलों में बड़ी सफलता हासिल की है। पंतनगर थाना क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ के बाद लूट और मारपीट के तीन आरोपी पकड़े गए, जिनमें से दो के पैरों में गोली लगी है।
वहीं काशीपुर पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने कंट्रोल्ड ड्रग्स की तस्करी कर रहे एक युवक को गिरफ्तार कर उसके पास से 8 लाख रुपए मूल्य की अवैध दवाइयाँ बरामद की हैं।
मारपीट कर लूट करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार, दो के पैर में लगी गोली
17 नवंबर की रात दिल्ली से लौट रहे लालकुआं निवासी रजत गुप्ता के साथ ऑटो में सवार चार लोगों ने मारपीट कर मोबाइल और नकदी लूट ली थी। CCTV फुटेज और सर्विलांस की मदद से पुलिस को अहम सुराग मिले।
बीती रात सूचना मिली कि घटना में शामिल आरोपी संजय वन क्षेत्र में मौजूद हैं। घेराबंदी के दौरान आरोपियों ने पुलिस पर फायर झोंक दिया।
जवाबी कार्रवाई में दो आरोपी अरमान, निवासी रेशमबाड़ी और रेहान, निवासी रेशमबाड़ी (मूलतः बहेड़ी, बरेली)
के पैरों में गोली लगी।
चालक सुमित गंगवार को भी गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों आरोपी पूर्व में भी चोरी और लूट के मामलों में जेल जा चुके हैं। पुलिस ने मौके से दो तमंचे, कारतूस और खोखे बरामद किए। घटनास्थल और अस्पताल पहुंचकर एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने पूरे प्रकरण की जानकारी ली।
काशीपुर में 8 लाख की कंट्रोल्ड ड्रग्स पकड़ी, यूपी का तस्कर गिरफ्तार
नशामुक्त भारत अभियान की वर्षगांठ के दो दिन बाद ही काशीपुर में पुलिस और एसओजी ने बड़ी कार्रवाई की। चेकिंग के दौरान संदिग्ध स्कूटी सवार युवक को रोककर तलाशी ली गई तो दो बॉक्स में बाइनोर्फिन ब्यूप्रेनोर्फिन इंजेक्शन IP के 200 कार्टन (कुल 5,000 इंजेक्शन) मिले।
इसके अलावा तीन पेटियों से कोडीन फॉस्फेट और ट्राइप्रोलिडीन HCL की 326 बोतलें भी बरामद हुईं, जिन्हें आरोपी बिना लाइसेंस और बिना बिल के ले जा रहा था। दवाएँ Controlled Drugs की श्रेणी में आती हैं और इनका अवैध परिवहन NDPS ऐक्ट का गंभीर उल्लंघन है।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान
- दीपक ठाकुर, पुत्र कृष्णपाल सिंह
निवासी शक्तिखेड़ा, थाना भगतपुर, जिला मुरादाबाद के रूप में हुई है।
औषधि निरीक्षक ने पुष्टि की कि बरामद दवाएँ नियंत्रित दवाओं की श्रेणी में आती हैं। आरोपी के खिलाफ NDPS एक्ट में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
कंट्रोल्ड ड्रग्स क्यों होती हैं खतरनाक?
ऐसी दवाएं नशे के आदी लोगों द्वारा अधिक मात्रा में उपयोग की जाती हैं, जिससे गंभीर दुष्प्रभाव और ओवरडोज़ का खतरा रहता है।
1990 के दशक में ओपिओइड दवाओं के अत्यधिक उपयोग के बाद अमेरिका सहित कई देशों में नशे और ओवरडोज़ मामलों में भारी बढ़ोतरी दर्ज हुई। इसी कारण इन दवाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाती है।


