वन विकास निगम में फर्जी बिल घोटाला। शासन सख्त, विजिलेंस जांच की तैयारी
देहरादून। वन विकास निगम में फर्जी बिलों के जरिए सरकारी खजाने को चूना लगाने का बड़ा मामला सामने आया है। शासन अब इस प्रकरण को विजिलेंस जांच में सौंपने की तैयारी कर रहा है।
विभाग द्वारा कराई गई प्राथमिक जांच में ही निगम के कुछ अधिकारियों पर फर्जी बिल बनाकर भुगतान लेने और सरकारी धन की हेराफेरी के आरोप पुष्ट पाए गए हैं।
फर्जी रेस्टोरेंट के नाम पर बिल, धरातल पर अस्तित्व ही नहीं
यह पूरा मामला वन विकास निगम, हल्द्वानी से जुड़ा है। बिल एक ऐसे रेस्टोरेंट के नाम पर तैयार किया गया, जो वास्तविकता में शहर में कहीं मौजूद ही नहीं है। यही नहीं, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से जब जानकारी मांगी गई तो उन्होंने भी साफ कहा कि संबंधित नाम का कोई रेस्टोरेंट पंजीकृत ही नहीं है।
शिकायतकर्ता के एफिडेविट से खुला राज
एक शिकायतकर्ता ने एफिडेविट के साथ विजिलेंस को शिकायत भेजी थी, जिसमें फर्जी बिल की कॉपी और कई साक्ष्य शामिल थे। विजिलेंस ने इस पर शासन को पत्र भेजकर अग्रिम कार्रवाई की जानकारी मांगी। इसके बाद शासन ने खाद्य सुरक्षा विभाग से रिपोर्ट तलब की, जिसमें रेस्टोरेंट के अस्तित्वहीन होने की पुष्टि हुई।
जांच में चौंकाने वाले खुलासे
सतर्कता अधीक्षक देहरादून द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि निगम के कुछ जिम्मेदार अधिकारियों ने मिलीभगत से कागज़ों पर ही रेस्टोरेंट बनाकर बिल तैयार किए और सरकारी पैसों की हेराफेरी की।
- खाद्य सुरक्षा विभाग में रेस्टोरेंट का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं
- निगम द्वारा प्रस्तुत वाउचर और दस्तावेज भी संदिग्ध
- बिल में दिखाए गए भोजन व्यंजनों के कोई प्रमाण नहीं मिले
शासन ने एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी
प्रथम दृष्टया यह मामला जालसाजी और भ्रष्टाचार का प्रतीत होने पर शासन ने वन विभाग से एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है।
साथ ही यह भी निर्देश हैं कि—
- कौन–कौन अधिकारी किस स्तर पर शामिल थे, इसकी सूची तैयार की जाए।
- आरोप सत्य पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
- मामले में बीएनएस की धारा 316, 335, 336, 338, 339 व 61 सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के उल्लंघन का संकेत मिला है।
आने वाले दिनों में बड़े खुलासों के संकेत
वन विकास निगम में फर्जी बिल तैयार कर सरकारी धन हड़पने का यह मामला अब गंभीर रूप ले चुका है। शासन ने संकेत दिए हैं कि जांच आगे बढ़ने पर कई बड़े नाम भी जांच के घेरे में आ सकते हैं।


