सिविल इंजीनियरिंग और समाज सेवा में मिसाल बने डॉ. कौण्डल, दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मान से अलंकृत
देहरादून। उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग में कार्यरत सहायक अभियंता डॉ. गोविन्द सिंह कौण्डल को लीडरशिप इन सिविल इंजीनियरिंग एंड सोशल सर्विस के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु नई दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन मेमोरियल नेशनल अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (IARDO) तथा इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिफॉर्म्स एंड हायर एजुकेशन (ISRHE) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि रमेश चंद्र रतन, मेंबर, एन.एफ.सी.एच., गृह मंत्रालय, भारत सरकार रहे। उन्होंने सभी अवार्डीज को बधाई देते हुए समाज व अपने-अपने क्षेत्र में और अधिक जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया।
सम्मान पाकर डॉ. कौण्डल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस उपलब्धि को अपने माता-पिता, पत्नी श्रीमती लक्ष्मी दनोसी कौण्डल और सहयोगी मित्रों को समर्पित किया।
डॉ. कौण्डल का जीवन एवं योगदान
- जन्म: 14 जुलाई 1978, जौनसार क्षेत्र का ग्राम रामपुर सरना (तहसील चकराता, जिला देहरादून)
- शिक्षा: हाईस्कूल एवं इंटर (डाॅमटा, उत्तरकाशी), डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग (1999), बी.टेक (2013)
- करियर की शुरुआत: जनवरी 2000 में स्वजल परियोजना से, फिर अरुणाचल प्रदेश में एनएचपीसी के 2000 मेगावाट अपर सुबानसिरी परियोजना से जुड़कर सेवाएं दीं।
- वर्ष 2004 से लोक निर्माण विभाग, उत्तराखंड में कार्यरत। पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कों, पुलों और भवनों का निर्माण ससमय पूर्ण करवाने का उल्लेखनीय योगदान।
समाज सेवा
- केदारनाथ आपदा के बाद अनाथ बालिकाओं को छात्रवृत्ति।
- गरीबों के लिए भवन मानचित्र स्वीकृति शुल्क में आर्थिक सहयोग।
- डीएवी कॉलेज छात्रावास, पौड़ी और अन्य संस्थानों को सहायता।
- कोरोना काल में जरूरतमंदों, ओला ड्राइवरों और सामाजिक संगठनों को आर्थिक सहयोग व राशन किट उपलब्ध कराए।
- कई ट्रस्टों और सामाजिक अभियानों से जुड़े, विशेषकर महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण में योगदान।
सम्मान और उपलब्धियां
- विभागीय सेवा में चार बार प्रशस्ति पत्र।
- ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के प्रोजेक्ट में योगदान पर 26 जनवरी 2024 को सम्मानित।
- दिसंबर 2024 में डॉक्टरेट की मानद उपाधि।
- 38वें राष्ट्रीय खेल महोत्सव 2025 में उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रशंसा पत्र।
- जुलाई 2025 में देवभूमि राष्ट्रीय रत्न पुरस्कार।
- विभिन्न संगठनों व समितियों में सम्मानित अतिथि के रूप में योगदान।
कार्यक्रम में देशभर से आए वरिष्ठ गणमान्य, अवॉर्डीज और परिजन मौजूद रहे।