ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में 10 BIS स्टूडेंट चैप्टर्स और BIS कॉर्नर का शुभारंभ
देहरादून। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) देहरादून शाखा कार्यालय और ग्राफिक एरा (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) के संयुक्त तत्वावधान में 27 अगस्त 2025 को 10 BIS स्टूडेंट चैप्टर्स, BIS कॉर्नर तथा मेंटर्स ओरिएंटेशन कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्रीमती स्नेहलता, उप महानिदेशक (उ.क्षे.), BIS ने दीप प्रज्वलन कर किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में छात्रों को मानक विकास एवं शोध कार्यों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया और कहा कि “भारतीय मानक ब्यूरो, देश की राष्ट्रीय मानक संस्था के रूप में शिक्षा जगत के साथ मिलकर गुणवत्ता संस्कृति को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।”
इस अवसर पर प्रो. नरपींदर सिंह, कुलपति ग्राफिक एरा, प्रो. ब्रजेश प्रसाद, नोडल चेयर BIS, और सौरभ तिवारी, निदेशक एवं प्रमुख, BIS देहरादून शाखा भी मौजूद रहे।
अपने स्वागत भाषण में प्रो. ब्रजेश प्रसाद ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बीआईएस के साथ हुए समझौते को ऐतिहासिक बताया। वहीं, श्री सौरभ तिवारी ने कहा कि “ग्राफिक एरा देश का पहला निजी विश्वविद्यालय है। जहाँ एक साथ 10 स्टूडेंट चैप्टर्स और बीआईएस कॉर्नर की स्थापना हुई है।”
उन्होंने छात्रों को मानकों की समीक्षा, नए मानकों के विकास और आगामी IEC जनरल मीटिंग (15–17 सितम्बर, 2025) में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
कुलपति प्रो. नरपींदर सिंह ने कहा कि भारतीय मानकों का अनुभव छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए बेहद आवश्यक है, क्योंकि इससे शिक्षा और उद्योग जगत के बीच सहयोग मजबूत होगा। उन्होंने BIS को शोध कार्यों में सहयोग के लिए आमंत्रित भी किया।
कार्यक्रम के दौरान 10 BIS स्टूडेंट चैप्टर्स का औपचारिक उद्घाटन किया गया तथा संतोष आनंद पुस्तकालय में BIS कॉर्नर का शुभारंभ हुआ।
इसके साथ ही आयोजित मेंटर्स ओरिएंटेशन सत्र का संचालन सौरभ कुमार चौरसिया, सहायक निदेशक, बीआईएस देहरादून शाखा ने किया। इस सत्र में सुश्री रिम्पी गर्ग ने स्टूडेंट चैप्टर्स की गतिविधियों एवं उद्देश्यों पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर 125 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें छात्र, मेंटर्स, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक एवं अन्य गणमान्य लोग शामिल थे। यह आयोजन शिक्षा जगत और भारतीय मानक ब्यूरो के बीच सहयोग की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में सामने आया, जो आने वाले समय में देश की गुणवत्ता संस्कृति को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।