बड़ी खबर: पंचायत चुनाव से पहले कांग्रेस प्रत्याशी के पति पर वारंट, स्कूल सील

पंचायत चुनाव से पहले कांग्रेस प्रत्याशी के पति पर वारंट, स्कूल सील

  • नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से 24 घंटे पहले पूर्व ब्लॉक प्रमुख लाखन सिंह नेगी पर अतिक्रमण का आरोप, पुलिस की छापेमारी नाकाम, कांग्रेस बोली- “राजनीतिक साजिश”

नैनीताल। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से ठीक 24 घंटे पहले नैनीताल की सियासत में बड़ा भूचाल आ गया है। कांग्रेस प्रत्याशी के पति और रामगढ़ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख लाखन सिंह नेगी के खिलाफ प्रशासन ने गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया और उनके निर्माणाधीन स्कूल को सील कर दिया।

प्रशासन के अनुसार, सिमायल रैकवाल स्थित निर्माणाधीन विद्यालय के पास एक नाली सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण पाई गई। जांच के बाद बुधवार दोपहर भवन को सील कर दिया गया।

इससे पहले सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में लाखन पर मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने मंगलवार देर रात चढ़ल सुयाल स्थित नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के होटल रिया पैलेस तक तलाशी अभियान चलाया, लेकिन लाखन का कोई सुराग नहीं मिला।

एसडीएम नवाजिश खलिक ने बताया कि 15 दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने या अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है।

नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव 14 अगस्त को होने हैं। लाखन सिंह की पत्नी कांग्रेस की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रत्याशी हैं।

इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है, जबकि कुछ निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं, जो नतीजों में उलटफेर कर सकते हैं।

जिला पंचायत अध्यक्ष का पद ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन और पंचायत राजनीति में बेहद अहम माना जाता है। यही कारण है कि इस पद के लिए चुनाव हमेशा से राजनीतिक प्रतिष्ठा का मुद्दा बनते रहे हैं।

चुनाव से ऐन पहले हुई इस कार्रवाई ने कांग्रेस खेमे में नाराजगी और सियासी आरोप-प्रत्यारोप को हवा दे दी है। समर्थकों का कहना है कि यह कार्रवाई “राजनीतिक दबाव” में की गई है ताकि चुनावी माहौल कांग्रेस के खिलाफ हो जाए।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर लाखन सिंह चुनाव प्रचार से दूर रहे तो कांग्रेस प्रत्याशी की जीत की संभावना प्रभावित हो सकती है।

दूसरी ओर, बीजेपी इसे “कानून का पालन” बताते हुए सख्त कार्रवाई के रूप में पेश कर सकती है, जिससे ग्रामीण मतदाताओं में संदेश जाएगा कि भ्रष्टाचार और अतिक्रमण पर सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है।

ग्रामीण इलाकों में अब यह मामला चर्चा का केंद्र बन गया है और मतदाताओं की राय पर इसका असर चुनावी नतीजे तय कर सकता है।