एक्सक्लूसिव: 10 से 20 करोड़ जिला पंचायत अध्यक्ष और 5-7 करोड़ रुपए लगते हैं ब्लॉक प्रमुख बनने में!….

10 से 20 करोड़ जिला पंचायत अध्यक्ष और 5-7 करोड़ रुपए लगते हैं ब्लॉक प्रमुख बनने में!….

  • आयकर विभाग वालों ! संभावित जिला पंचायत अध्यक्षों/ ब्लॉक प्रमुखों पर भी कसो शिकंजा- मोर्चा
  • जिला पंचायत अध्यक्ष/ ब्लॉक प्रमुख बनते ही शुरू हो जाती है लूट खसोट!
  • निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों/ ब्लाक प्रमुखों के करोड़ों के घोटाले की भी हो जांच

विकासनगर। उत्तराखंड में हो रहे पंचायत चुनाव के संभावित जिला पंचायत अध्यक्ष/ ब्लाक प्रमुख प्रत्याशियों/दावेदारों पर भी आयकर विभाग को निगरानी करनी चाहिए एवं शिकंजा कसना चाहिए, जो करोड़ों रुपए खर्च करके पद हासिल करने वाले हैं।

जी हां, रविवार को जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि, प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनावों में करोड़ों रुपये खर्च करके लोग जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों की कुर्सी हासिल कर रहें है। उन्होंने कहा कि, ऐसे में आयकर विभाग का काम है कि, इन नेताओं पर शिकंजा कसे। आखिर इन संभावित प्रत्याशियों के पास करोड़ों रूपया कहां से आ रहा है !किस- किस को लूटकर यह काला धन कमाया गया है !

आलम यह है कि, एक जिला पंचायत अध्यक्ष 10 से 20 करोड रुपए खर्च कर अध्यक्ष बनता है तथा एक ब्लॉक प्रमुख लगभग पांच -सात करोड रुपए लगाकर प्रमुख बनता है।

ऐसे हालात में आयकर विभाग की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है, अगर विभाग समझे तो ! इस प्रकार करोड़ों रुपए खर्च कर पद हासिल करने से लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा पैदा हो रहा है।

आयकर विभाग सिर्फ व्यापारियों व उद्योगपतियों पर छापे मारना ही अपनी ड्यूटी समझता है, जबकि इन भ्रष्ट नेताओं पर शिकंजा कसने से डरता है।

इस प्रकार प्रत्याशियों द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करके पद हासिल करने के उपरांत विकास कार्यों में लूट-खसोट शुरू हो जाती है तथा कहीं- कहीं विकास कार्य का पैसा आहरित होने के उपरांत भी धरातल पर नहीं उतरते यानी पैसा डकार लिया जाता है। 

ऐसे में सरकार का दायित्व है कि इन तमाम निवर्तमान अध्यक्षों के कार्यकालों की भी जांच हो कि आखिर करोड़ों- अरबों रुपए की योजनाएं धरातल पर क्यों नहीं उतरी !

अधिकांश नेता करोड़ों रुपया खर्च करके अध्यक्ष पद हासिल करने के उपरांत पैसा वसूली अभियान में लग जाते हैं, जिसके चलते करोड़ों रुपए की योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाती हैं, जिसकी सरकार द्वारा जांच कराई जानी आवश्यक है।

ऐसे भ्रष्ट नेताओं की जगह सलाखों के पीछे होनी चाहिए। मोर्चा आयकर विभाग से अपील करता है कि ऐसे नेताओं पर शिकंजा कसे एवं सरकार निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों /प्रमुखों के कार्यकाल की जांच कराये।

पत्रकार वार्ता में मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी, विजयराम शर्मा, दिलबाग सिंह व प्रमोद शर्मा आदि मौजूद थे।