अंकिता भंडारी हत्याकांड में सिर्फ प्यादों को हुई सजा, मुख्य सूत्रधार आज भी हैं बाहर
- मुख्य सूत्रधारों पर हाथ डालने से क्यों डर रही सरकार।
- आगे की लड़ाई के लिए प्राइवेट वकीलों से पैरवी कराये सरकार।
- राजभवन भी अपनी निंद्रा छोड़ मामले का ले संज्ञान।
विकासनगर। मा० अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषी तीन लोगों को, जोकि छोटी मछलियां हैं, उनको सजा सुनाई, कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए, लेकिन इस हत्याकांड में शामिल तीन-चार मुख्य सूत्रधार जो इस मामले में कहीं भी शामिल नहीं किए गए हैं, उनको उनके कर्मों की सजा दिलाने के लिए जनसंघर्ष मोर्चा ने CBI जांच की मांग की है।
शनिवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि, इस हत्याकांड में एक भाजपा विधायक, जिसने भाजपा के एक प्रभावशाली नेता के निर्देश पर साक्ष्य मिटाने का काम किया, एक निर्दलीय विधायक व भाजपा का एक प्रभावशाली नेता इस हत्याकांड में प्रमुख रूप से शामिल हैं, जैसा कि सूत्र बताते हैं। वैसे इन गुनहगारों को फांसी की सजा भी कम है।
नेगी ने कहा कि इस हत्याकांड में शामिल छोटी मछलियों को सजा सुनाई गई है, लेकिन ये लोग निश्चित तौर पर इस आदेश के खिलाफ मा उच्च न्यायालय/ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे, जिसके लिए सरकार को चाहिए कि, मा. उच्चतम न्यायालय के टॉप 5 वकीलों में से एक को सरकारी खर्चे पर पैरवी हेतु आबंध किया जाना चाहिए।
जैसा कि सरकार खनन/ शराब माफियायों के हितों को लेकर प्राइवेट वकीलों से पैरवी कराती है। इस मामले में राजभवन भी कान में तेल डालकर सोया हुआ है।
मोर्चा राजभवन व सरकार से मांग करता है कि मुख्य सूत्रधारों को सजा दिलाने को सीबीआई जांच करने की दिशा में काम करें, जिससे मुख्य सूत्रधार भी जेल की सलाखों के पीछे हों।
पत्रकार वार्ता में मुख्य रूप से मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी, महासचिव आकाश पंवार, विजय राम शर्मा, दिलबाग सिंह व प्रवीन शर्मा पिन्नी आदि उपस्थित थे।