उत्तराखंड में मानसून की दस्तक जल्द। आज विभिन्न जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, सतर्क रहने की सलाह
Weather Update: उत्तराखंड में आज से प्री- मानसून की दस्तक के चलते मौसम में बदलाव के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. विक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश के अलग-अलग स्थानों में अगले सात दिन यानी आगामी 2 जून तक प्री मानसून की बारिश जारी रहने की संभावना है।
उन्होंने बताया बुधवार से प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के कई इलाकों में आकाशीय बिजली चमकने के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। साथ ही कुछ स्थानों पर एक-दो दौर की तेज बारिश होने की संभावना है।
आज का मौसम पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक आज 28 मई बुधवार को उत्तराखंड राज्य के लगभग सभी जिलों में बारिश की दस्तक हो सकती है। नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में भारी बारिश का अलर्ट है।
वहीं रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, उत्तरकाशी और पौड़ी में गरज के साथ बिजली चमकने की संभावना जताई गई है। तेज़ हवाएं 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जैसे मैदानी क्षेत्रों में भी तेज़ झोंकों की आशंका है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है।
अन्य पहाड़ी जिलों में कहीं-कहीं गर्जना के साथ बारिश और हवाएं चल सकती हैं। मैदानी जिलों में भी हल्की बारिश और तेज हवाएं चलने के आसार हैं। उन्होंने बताया कि दो जून तक प्री-मानसून की बारिश जारी रह सकती है।
जल्द आ सकता है मानसून
मई महीने में प्रदेश में औसत से 75 प्रतिशत बारिश अधिक हुई है। उत्तराखंड में 2 जून तक हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। मानसून के उत्तराखंड पहुंचने की सामान्य तिथि 20 जून है। माना जा रहा है कि इस बार मानसून तय समय से चार-पांच दिन पहले ही उत्तराखंड पहुंच सकता है।
सावधानी बरतने की अपील
मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और खुले स्थानों से बचने की सलाह दी है। विशेष रूप से किसान, पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग, और ट्रैकिंग व यात्रा पर निकले पर्यटकों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।
बिजली चमकने और तेज हवाओं की वजह से पेड़ गिरने, बिजली की लाइन बाधित होने और यातायात में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। येलो अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीमों को तैयार रहने का निर्देश दिया है।
स्थानीय प्रशासन को भी कहा गया है कि वे संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बनाए रखें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखें।