सरकारी भूमि पर निर्मित अवैध मदरसा ध्वस्त
रुद्रपुर। उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्यभर में अवैध मदरसों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुरूप, उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कुरैया में स्थित एक मदरसे — अल्जमिया तुल हुसैनिया — को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। प्रशासन की जांच में यह मदरसा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बना पाया गया था।
ध्वस्तीकरण से पहले की गई व्यापक तैयारी
रुद्रपुर के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) मनीष बिष्ट के नेतृत्व में प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने शनिवार, 4 मई की सुबह तड़के लगभग 5 बजे मदरसे को गिराने की कार्रवाई शुरू की।
इस दौरान पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया और ग्राम कुरैया को जाने वाले सभी रास्तों पर बेरिकेडिंग कर ‘जीरो जोन’ घोषित कर दिया गया। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
मदरसा पाया गया सरकारी जमीन पर निर्मित
प्रशासन की जांच में सामने आया कि यह मदरसा करीब 17 साल पहले आधा एकड़ सरकारी जमीन पर बनाया गया था। 20 मार्च को प्रशासन ने मदरसे को सील कर दिया था, जिसके बाद ज़मीन के दस्तावेजों की जांच की गई। जांच में पुष्टि हुई कि यह ज़मीन राजस्व रिकॉर्ड में सरकारी (सरकारी खातेदारी) भूमि के रूप में दर्ज है।
नोटिस के बावजूद नहीं की गई जमीन खाली
प्रशासन ने मदरसा संचालकों को दो बार नोटिस जारी कर अवैध निर्माण हटाने और जमीन खाली करने का निर्देश दिया था।
बावजूद इसके मदरसा संचालकों ने सरकारी आदेशों की अवहेलना की और कोई कार्यवाही नहीं की। इसके बाद जिलाधिकारी नितिन भदौरिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
बड़े स्तर पर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी रहे मौजूद
इस कार्रवाई में रुद्रपुर एसडीएम मनीष बिष्ट, एसडीएम कौस्तुभ मिश्रा, एसपी सिटी उत्तम सिंह नेगी, रुद्रपुर तहसीलदार, काशीपुर और बाजपुर क्षेत्र के सीओ सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
ध्वस्तीकरण के लिए जेसीबी और पोकलेन मशीनों का उपयोग किया गया। कार्रवाई सुबह 5 बजे शुरू हुई और करीब 9:30 बजे तक चली।
विपक्ष का विरोध और विधायक का धरना
मदरसे के ध्वस्तीकरण की जानकारी मिलते ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ मौके पर पहुंचने का प्रयास करने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ग्राम चकौनी में ही रोक दिया। इसके विरोध में विधायक बेहड़ ने वहीं धरना शुरू कर दिया और इस कार्रवाई को सरकार की “जनविरोधी नीति” बताया।
न्यायालय के निर्देशों के तहत हुई कार्रवाई
एसडीएम मनीष बिष्ट ने बताया कि यह कार्रवाई उच्च न्यायालय में चल रहे सुनील यादव बनाम उत्तराखंड सरकार जनहित याचिका (PIL) के संदर्भ में की गई।
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुए पहले नोटिस भेजे और जब कोई जवाब नहीं मिला तो तय नियमों के तहत मदरसे को ध्वस्त किया गया।