हाईकोर्ट ने 11 साल बाद नैनीताल की चुंगी पोस्ट की बहाल, दिए अहम निर्देश। पढ़ें….
नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने नैनीताल में ट्रैफिक संबंधी एक पी.आई.एल. को सुनते हुए 11 वर्ष बाद बारह पत्थर और तल्लीताल की प्रवेश चुंगीयों को दोबारा स्थापित करने की अनुमती दे दी है।
न्यायालय ने ट्रैफिक व पार्किंग व्यवस्था और फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने के लिए सी.एस.सी.के नेतृत्व में एस.एस.पी.और नगर पालिका सदस्य की एक कमिटी बनाने को कहा है। न्यायालय ने अगली सुनवाई 17 अप्रैल के लिए तय की है।
नैनीताल की ट्रैफिक समस्या को सुधारने संबंधी एक जनहित याचिका में आज एस.एस.पी.व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए। नैनीताल नगर पालिका ने न्यायालय से रॉक हाउस(फांसी गधेरा) और बारह पत्थर की चुंगीयों को दोबारा अस्तित्व में लाने की प्रार्थना की थी। ये चुंगीयां इसी न्यायालय के आदेश से वर्ष 2014 में हटाई गई थी।
आज हुई सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने कहा कि समूचे शहर को ट्रैफिक चोक से बचाने के लिए अर्जेंट सुव्यवस्था बनानी अनिवार्य है। यहां पर्यटक हजारों की संख्या में आते हैं और वीक एंड में तो लाख तक हो जाते हैं।
इनके वाहनों से लगे जाम से मरीज को सफर करना पड़ता है। शहर की पतली सड़कें अनियंत्रित ट्रैफिक स्वीकार नहीं करती। पार्किंग की मांग भी न्यायालय में लंबित है।
पतली सड़कें और लैंडस्केप ज्यादा ट्रैफिक अलाउ नहीं करता। ज्यादा गाड़ियों से ध्वनि और वायु प्रदूषण होता है। सड़कों में जरूरी स्थानों में जेब्रा क्रासिंग बनाने को कहा गया है।
पार्किंग के लिए होटलों में कमरों के अनुपात में पार्किंग होनी चाहिए, इसलिए होटल एसोसिएशन को पार्टी बनाया जाए, फुटपाथ को फड़ मुक्त किया जाए ताकि उसपर लोग चल सके।
सरकार के प्रतिनिधि के रूप में चीफ स्टैंडिंग काउंसिल (सी.एस.सी.), नगर पालिका और एस.एस.पी.बैठकर व्यवस्था बनाएं। खंडपीठ ने कहा कि सड़कों पर परमानेंट पार्क किए वाहनों को हटाने के लिए अनाउंसमेंट किया जाए और फिर उन्हें नोटिस जारी किया जाए।
सी.एस.सी.चंद्रशेखर सिंह रावत ने न्यायालय को बताया कि सरकार ने नौ जगह पार्किंग बनाई और कुछ की तैयारी तैयार की जा रही है।
इसमें, डी.एस.ए., मस्जिद पार्किंग, अंडा मार्किट, बीड़ी पाण्डे, मेट्रोपोल, सिविल कोर्ट, के.एम.वी.एन., हल्द्वानी रोड निकट नैशनल होटल, सूखाताल आदि शामिल हैं।
एस.एस.पी. प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि, भूगर्भ वैज्ञानिकों के साथ मिलकर शहर में गाड़ियों की लोड बेयरिंग कैपेसिटी चैक की जा रही है। न्यायालय ने इससे संबंधित लेटर को दाखिल करने को कहा।
न्यायालय ने आई.आई.एम.के प्रोफेसर को भी अगली सुनवाई में उपस्थित रहने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई गुरुवार 17 अप्रैल की सवेरे होगी।