गांव में शराब की दुकान खुलने पर आक्रोशित महिलाएं, लगाए मुर्दाबाद के नारे
रिपोर्ट- गिरीश चंदोला
थराली। लोल्टी गांव के आक्रोशित महिलाओं ने शराब की दुकान खुलने पर पुरजोर विरोध किया। दो दिनों से महिलाएं यहां सुबह से लेकर शाम तक धरना प्रदर्शन कर शासन – प्रशासन सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए सूना वार्ड से जिला पंचायत सदस्य देवी जोशी एवं चौड़ा वार्ड से जिला पंचायत सदस्य बबीता त्रिकोटी एवं उनके पति महेश शंकर त्रिकोटी का पुतला जलाया।
कहा कि शराब की दुकान लोल्टी में नहीं खुलेगी यहां से स्कूली बच्चे पठन-पाठन के लिए विद्यालय जाते हैं। शराब की दुकान खुलने से उन पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
महिलाओं ने शराब की दुकान खुलने पर ग्वालदम कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप खूब हंगामा काटा दो दिनों से चल रहे हंगामेदार प्रदर्शन के बाद आखिरकार पुलिस प्रशासन सहित आबकारी महकमा को मौके पर पहुंचकर ग्रामीण को समझाना पड़ा। लेकिन ग्रामीणों की एक शर्त पर फिलहाल लोल्टी व में शराब नहीं बिकेगी, जिसको लेकर ग्रामीण महिलाएं अपने घर को लौट गई।
लेकिन उन्होंने चेतावनी देते कहा कि, अगर शराब की दुकान यहां खुली तो वह लगातार आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी पुलिस एवं आबकारी विभाग के समझाने पर फिलहाल ग्रामीणों ने आंदोलन स्थगित तो कर दिया।
लेकिन चेतावनी देते हुए कहा कि, अगर गांव में फिर से शराब बिकी तो महिलाए फिर आंदोलन पर वापस लौटेंगे, आबकारी निरीक्षक जयवीर सिंह नेगी एवं जिला आबकारी अधिकारी प्रमोद मैथानी ने भी आक्रोशित महिलाओं को समझने का बहुत प्रयास किया।
लेकिन महिलाओं ने आबकारी विभाग के उच्च अधिकारियों की एक न सुनी जिस पर उन्होंने आश्वासन देते हुए यह कहा कि यहां पर फिलहाल शराब नहीं बेची जाएगा। अन्य जगह दुकान मिलने पर वहां शराब की उपदुकान शिफ्ट करेंगे
इस दौरान शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए थराली थानाध्यक्ष पंकज कुमार मय पुलिया फोर्स के सुबह से ही लोल्टी में जमें रहें।
इस विरोध प्रदर्शन का दिव्यांग सलाहकार बोर्ड के सदस्य बिजेंद्र नेगी, मनमोहन रावत (चतुरा), लोल्टी, तुगेश्वर व्यापार संघ के अध्यक्ष धनराज रावत, वन सरपंच देवराडा वीरेंद्र सिंह रावत, पवन रावत, गीता देवी, दीपा देवी, सरोजनी देवी, गुड्डी देवी, पूजा देवी, गंगा देवी, लक्ष्मी देवी, कमला देवी, पुष्पा देवी सुशीला देवी, कलावती देवी यशोदा देवी, सुनीता देवी, मनोरमा देवी आदि नेतृत्व कर रहे थे।