प्रधानाध्यापिका डकार गईं बच्चों का एक हजार किलो राशन, अब ऐसे होगी रिकवरी
खाद्य सुरक्षा विभाग और शिक्षा विभाग की कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद उत्तराखंड राज्य खाद्य आयोग ने प्रधानाध्यापिका को दोषी ठहराते हुए बाजार दर के आधार पर रिकवरी के आदेश दिए हैं। केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना मिड-डे-मील को स्कूलों में डकारने का एक के बाद एक मामला सामने आ रहा है।
ब्लॉक बहादराबाद के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सराय की महिला प्रधानाध्यापिका तयैब्बा बेगम से एक हजार किलोग्राम मिड-डे मील (चावल) डकार गईं। जांच में यह खुलासा हुआ है।
उपजिलाधिकारी, खाद्य सुरक्षा विभाग और शिक्षा विभाग की कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद उत्तराखंड राज्य खाद्य आयोग ने प्रधानाध्यापिका को दोषी ठहराते हुए बाजार दर के आधार पर रिकवरी के आदेश दिए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक शिक्षा) आशुताेष भंडारी का कहना है कि मिड-डे मील में अनियमितता की शिकायत सचिव विद्यालयी शिक्षा से की गई थी।
एसडीएम, खंड शिक्षा और खाद्य सुरक्षा की टीम की प्राथमिक जांच में स्पष्ट हुआ कि एक हजार किलोग्राम खाद्यान्न (चावल) राशन डीलर के पास ही छोड़ दिया गया। खाद्यान्न के बोरों का स्पष्ट विवरण भी रजिस्टर में तैयार नहीं किया गया। टीम ने इसे बड़ी लापरवाही बताया।
उन्होंने कहा कि सात फरवरी को विभाग की ओर से प्रधानाध्यापिका से स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं। उन्होंने प्रधानाध्यापिका से 33 रुपये प्रति किलो के अनुसार 33 हजार रुपये की धनराशि एमडीएम खाते में एक सप्ताह में जमा करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि रिकवरी के बाद विभागीय कार्रवाई अलग से की जाएगी।
मिड-डे मील की गड़बड़ी में नहीं दिया स्पष्टीकरण
जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक शिक्षा) आशुतोष भंडारी ने बीते माह 28 फरवरी को ब्लॉक भगवानपुर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय खेलड़ी का औचक निरीक्षण किया था। प्रधानाध्यापक की ओर से बच्चों की रजिस्टर में फर्जी हाजिरी मिली थी।
डीईओ की रैंडम चेकिंग में 34 बच्चे ही मिले, जबकि स्कूल में 164 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। आरोप है कि इन बच्चों का विभाग से लगातार मिड-डे मील लिया जा रहा था।
प्रधानाध्यापक की ओर से स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि मामले में जल्द कार्रवाई की जाएगी