DBUU में ‘फार्मा अन्वेषण 2024’ सम्मलेन का आयोजन
- देश की ज़रुरत है उद्योगपरक फार्मा शिक्षा : डॉ फ़ारुक़
- देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में अन्वेषण 2024 का आयोजन।
- विशेषज्ञों ने शिक्षा और उद्योग जगत में समन्वय स्थापना पर दिया ज़ोर।
देहरादून। औद्योगिक विशेषज्ञों की देख-रेख में फार्मा शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में ‘फार्मा अन्वेषण 2024’ सम्मलेन का आयोजन किया गया।
ये सम्मलेन राष्ट्रीय फार्मेसी शिक्षा दिवस के मौके पर आयोजित किया गया था, जिसमें नयी शिक्षा नीति के तहत फार्मा उद्योगों और शिक्षा के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने पर मंथन किया गया।
बुधवार को देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ़ फार्मेसी एंड रिसर्च और फार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया, नयी दिल्ली के सहयोग से भारत में फार्मेसी शिक्षा के पितामाह प्रोफ़ेसर एमएल श्रॉफ की जयन्ती पर राष्ट्रीय फार्मेसी शिक्षा दिवस मनाया गया, जिसके अंतर्गत ‘फार्मा अन्वेषण 2024’ सम्मलेन में उद्योगपरक फार्मा शिक्षा पर चर्चा की गयी।
साथ ही, पैनल चर्चा के मुख्य बिंदुओं पर आधारित व्हाइट पेपर फार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया को सौंपा जाएगा। इस मौके पर मुख्य अतिथि हिमालयन वैलनेस कंपनी, देहरादून के अध्यक्ष डॉ सैय्यद फ़ारुक़ ने नयी शिक्षा नीति के तहत फार्मा शिक्षा से सम्बंधित पाठ्यक्रमों में फार्मा उद्योगों की सहभागिता पर ज़ोर दिया।
उन्होंने कहा कि दुनियाभर में देश के फार्मा उद्योग की विशेष पहचान है, जिसे और निखारने के लिए शिक्षा में उद्योगपरक पाठ्यक्रम को शामिल करना अतिआवश्यक है ताकि फार्मा क्षेत्र में कौशल विकास को बढ़ावा देते हुए औद्योगिक विकास को गति प्रदान की जा सके।
इसके लिए आवश्यक है छात्र उद्योगपरक शिक्षा ग्रहण करें। वहीं, सम्मलेन के विशिष्ट अतिथि फार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया, नयी दिल्ली के केंद्रीय काउंसिल सदस्य शिवानंद पाटिल भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि हमें फार्मा शिक्षा और उद्योगों के बीच की दूरियों को कम करने की ज़रुरत है ताकि फार्मा विशेषज्ञ तैयार किये जा सकें।
वहीं हमें नयी शिक्षा नीति के तहत फार्मा पाठ्यक्रमों में उद्योग आधारित शिक्षा को शामिल करने में आने वाली चुनैतियों और भविष्य के अवसरों पर भी मंथन करने की ज़रुरत है।
विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रीति कोठियाल ने कहा कि फार्मा शिक्षा और उद्योग में बेहतर समन्वय स्थापित करना हमारा लक्ष्य है ताकि शिक्षा ग्रहण करते हुए छात्र औद्योगिक चुनौतियों से निपटने में महारत हासिल कर सकें।
सम्मलेन में उद्योग और शिक्षा पर आधारित पैनल डिस्कशन भी किया गया, जिसके मुख्य बिंदुओं पर आधारित व्हाइट पेपर फार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया को सौंपा जायेगा।
इस मौके पर विशेषज्ञ डॉ डीकेपी चौधरी, देवा सेनापति, मंजीत कुमार, राम राज सिंह राठौर, राकेश पेटवाल, अमरीक, डॉ अजय गजानन, डॉ अजय सेमल्टी सहित उपकुलपति डॉ आरके त्रिपाठी, मुख्य सलाहकार डॉ एके जायसवाल, डीन एकेडमिक्स डॉ संदीप शर्मा, डॉ अनामिका सक्सेना, डॉ मोहित संदूजा, डॉ तरुण पराशर आदि उपस्थित रहे।