राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने खोला IAS के घोटालों के खिलाफ मोर्चा
देहरादून। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने आइएएस डीएस गर्ब्याल द्वारा बड़े पैमाने पर जमीनों की खरीद और हथियार व बार लाइसेंस देने का खुलासा करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
प्रधानमंत्री कार्यालय और डीओपीटी को भी इसकी शिकायत की गयी है। गौर तलब यह है कि पहले भी डीएस गर्ब्याल के इन कारनामों की शिकायत मुख्य सचिव को की जा चुकी है लेकिन शासन स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने तमाम दस्तावेज पेश करते हुए दावा किया कि डीएस गर्ब्याल ने नैनीताल में जिलाधिकारी रहने के दौरान बड़े पैमाने पर अनुसूचित जाति के लोगों की जमीनों की खरीद की अनुमति प्रदान की।
जिलाधिकारी ने अपने आदेश में नियमों का भी पालन नहीं किया। कई मामलों में एक ही दिन में अनुमतियां दे दी गई तो कई मामलों में लोअर डिविजनल क्लर्क से लेकर एसडीएम तक की अनुमतियां एक ही दिन में हासिल कर ली गई तो कई मामलों में एसडीएम की अनुमति का भी इंतजार नहीं किया गया।
डीएस गर्ब्याल ने नैनीताल में रिसोर्ट की भी बड़े पैमाने पर अनुमतियां प्रदान की। राज्य बनने से लेकर कुल 356 अनुमतियां प्रदान की गई है जिसमें से एक तिहाई यानी 117 अकेले डीएस गर्ब्याल ने अपने कार्यकाल में ही प्रदान कर दी।
कई मामलों की अनुमति जिलाधिकारी ने अपनी जोइनिंग के एक सप्ताह के अंदर ही प्रदान कर दी और कई फाइलें अपने स्थानांतरण के दिन 18 मई 2023 को स्वीकृत की।
तत्कालीन जिलाधिकारी डीएस गर्ब्याल के इस कृत्य को कैग ने भी अपनी रिपोर्ट में कदाचार और पद का दुरुपयोग माना है। साथ ही नोटिस जारी किया है।
कैग ने सीलिंग भूमि के आवंटन मे भी गंभीर अनियमितताओं पर सवाल उठाए हैं। डीएस गर्ब्याल ने नैनीताल का जिलाधिकारी रहने के दौरान अपने चंद चहेतों को अपने पद एवं शक्तियों का आपराधिक इस्तेमाल करते हुए जिला योजना और खनिज निधि से बहुतायात में ठेके आवंटित करते रहे।
इन्हीं व्यक्तियों को एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस प्रदान किए गए और बिना आबकारी और एसडीएम रिपोर्ट के बार लाइसेंस भी प्रदान किए गए।
कृषि प्रयोजन के नाम पर इन्हीं व्यक्तियों को जमीन आवंटित की गई है परंतु वह व्यापक खनन, भारी निर्माण और आसपास की सरकारी जमीन के अतिक्रमण के लिए प्रयोग में लाई गई हैं।
जिलाधिकारी ने अपने ही चहेते लोगों के साथ मिलकर जिसमें से सर्वप्रिय कंसल, सौरभ विनायक, विशाल विनायक, प्रशांत सागर बिष्ट आदि के साथ मिलकर एक पूरा पहाड़ परसोली गांव में सामूहिक रूप से खरीदा है और मुख्य मार्ग से वहां तक के लिए सड़क का निर्माण भी इन्हीं लोगों को सौंप दिया और इस कार्य के लिए धन का आवंटन भी माइनिंग फंड से दिया गया।
गर्ब्याल के नैनीताल जिलाधिकारी के कार्यकाल में जितने भी निर्माण कार्य किए गये, उन सभी में केवल उपरोक्त तीन व्यक्तियों के ही प्रमुख रूप से कोटेशन पाए जाते रहे हैं।
इसका कारण यह रहा है कि संपूर्ण फंड जो जिला योजना या खनिज न्यास से स्वीकृत किया गया है वह या तो केएमवीएन नैनीताल या फिर मंडी बोर्ड के द्वारा दिया गया। इन दोनों संस्थानों में यह जिलाधिकारी ही 5 वर्ष तक एमडी के पद पर रह चुके हैं।
इस प्रकार से अत्यंत सुनियोजित तरीके से एक गिरोह संचालित किया जा रहा है जो सामूहिक भ्रष्टाचार का एक उच्च स्तरीय उदाहरण है।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र पन्त ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा माफिया को बढावा देने वाले इस तरह के कार्यों से उत्तराखंड मे भूमाफिया और खनन माफिया को बढावा मिला है।
पार्टी की संगठन सचिव सुलोचना ईष्टवाल ने कहा पार्टी ने इस मामले की जांच प्रधानमंत्री कार्यालय से कराने की मांग की है। उन्होने कहा कि प्रदेश की भूमि किसी भी हालत मे खुर्द बुर्द नही होने दी जाएगी और न ही डेमोग्राफी बदलने वाले अवैध कृत्यों को बढावा देने वालों को बख्शा जाएगा।
प्रेस वार्ता मे प्रदेश मीडिया प्रभारी पंकज कपूर, पंकज घिल्डियाल, प्रशांत भट्ट आदि भी शामिल थे।