बड़ी खबर: बागेश्वर उपचुनाव में भाजपा ने लहराया जीत का परचम। पार्वती दास विजयी

बागेश्वर उपचुनाव में भाजपा ने लहराया जीत का परचम। पार्वती दास विजयी

उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है बागेश्वर उप चुनाव में भाजपा की धमक कायम रही। उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास में जीत हासिल की। हालांकि शुरुआती रुझान में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने कड़ा मुकाबला चल रहा था।बागेश्वर उपचुनाव काउंटिंग में 14 राउंड पूरा हो चुका है।

कैबिनेट मंत्री स्व. चंदन राम दास की पत्नी भाजपा प्रत्याशी पार्वती ने कांग्रेस के बसंत कुमार को 2810 मतों के अंतर से हरा दिया है। तीसरे नंबर पर मतदाताओं ने नोटा को रखा। समाजवादी पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के उम्मीदवार हजार के अंक तक भी नही पहुंच सके।

  • पार्वती दास, भाजपा- 32192
  • बसंत कुमार, कांग्रेस – 29382
  • अर्जुन देव, यूकेडी – 840
  • भगवती प्रसाद, सपा – 619
  • भागवत कोहली, यूपीपी  – 263
  • नोटा- 1214

बागेश्वर उपचुनाव का परिणाम आ चुका है, बागेश्वर विधानसभा सीट से उपचुनाव में भाजपा की प्रत्याशी पार्वती दास ने कांग्रेस के प्रत्याशी वसंत कुमार को 2810….. वोटो से हराकर उपचुनाव में विजय प्राप्त की,

जीत के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनके पति स्वर्गीय चंदन रामदास के द्वारा बागेश्वर क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों और राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश में किया जा रहे चहुमुखी विकास से जनता प्रभावित है।

साथ ही आज उनकी जीत ने प्रमाणित किया है कि बागेश्वर की जनता भाजपा पर पूरी तरह से विश्वास करती है, साथ ही उन्होंने अपनी जीत का श्रेय प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और भाजपा संगठन की मुखिया महेंद्र भट्ट और अन्य नेताओं को दिया है।

बागेश्वर उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार पार्वती दास ने जीत हासिल कर ली है। यानी बागेश्वर की नई विधायक पार्वती दास बन गई हैं। जीत का अंतर हालांकि बहुत ज्यादा नहीं रहा मगर जीत तो जीत होती है।

चंदन रामदास के निधन से खाली हुई सीट पर बीजेपी ने उनकी पत्नी पार्वती दास को मैदान में उतारा था, जनता ने पार्वती दास को ही जिताकर विधायक बनाया।

कांग्रेस के बसंत कुमार शुरुआत के 2 चरणों में आगे थे मगर उसके बाद वो लगातार पिछड़ते चले गए। मुकाबला दिलचस्प रहा लेकिन जीत बीजेपी की ही हुई। बागेश्वर की जीत के बाद बीजेपी को जश्न मनाने का एक और मौका मिल गया है। बीजेपी इसे धामी के काम पर मुहर बताकर भी प्रचारित कर रही है।