शासन ने हाईकोर्ट में तैनात की नई टीम। इन अधिवक्ताओं को मिली पैरवी करने की जिम्मेदारी
उत्तराखण्ड सरकार ने आज अपने एक आदेश के बाद अपर महाधिवक्ता, उप-महाधिवक्ता, अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता, स्थायी अधिवक्ता, सहायक शासकीय अधिवक्ता और ब्रीफ होल्डर के पदों पर अधिवक्ताओं को जिम्मेदारी सौंप दी है।
अपर सचिव न्याय और अपर विधि परामर्षि सुधीर कुमार के हस्ताक्षरों वाले आज के आदेश के अनुसार अब महाधिवक्ता, मुख्य स्थायी अधिवक्ता और शासकीय अधिवक्ता के साथ लगभग 29 अधिवक्ता सरकार की पैरवी करेंगे।
विधि विभाग के अपर सचिव सुधीर कुमार ने आज एक पत्र जारी कर उच्च न्यायालय में पैरवी या बहस करने के लिए एक टीम का गठन किया है जिसे श्री राज्यपाल ने भी सहर्ष स्वीकृति दे दी है।
पत्र की कॉपी उच्च न्यायालय के महानिबंधक, महालेखाकार लेखा एवं हकदारी, मुख्य सचिव ऊत्तराखण्ड, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री, विशेष प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, समस्त सचिव ऊत्तराखण्ड, समस्त जिलाधिकारी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, वरिष्ठ कोषाधिकारी, मुख्य स्थायी अधिवक्ता, सचिवालय प्रशासन, संबंधित अधिवक्तागण एन.आई.सी.की गार्ड फ़ाइल को भेजी गई है।
सरकारी अधिवक्ताओं के पदों पर निम्न नियुक्तियां हुई हैं :-
- अपर महाधिवक्ता जेपी जोशी, अमरिंदर सिंह,
- उप महाधिवक्ता (सिविल) ममता बिष्ट, के.एन. जोशी, सुनील खेरा
- उप महाधिवक्ता (क्रिमिनल) पुष्पा भट्ट, अमित भट्ट, विनोद कुमार जैमिनी
- अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता पूरन सिंह बिष्ट, पी.सी.बिष्ट, अनिल कुमार डबराल, गंगा सिंह नेगी
- स्थायी अधिवक्ता जगदीश सिंह बिष्ट, इन्द्र पाल कोहली, राजन घिल्डियाल, सुयश पंत, योगेश चंद्र तिवारी
- सहायक शासकीय अधिवक्ता कुलदीप सिंह रावल
- ब्रीफ होल्डर (क्रिमिनल) प्रमोद चंद्र तिवारी, वीरेंद्र सिंह रावत, राकेश कुमार जोशी
- ब्रीफ होल्डर (सिविल) पूजा बंगा, तरुण लखेरा, श्याम सुंदर चौधरी, मोहिंदर सिंह बिष्ट, रमेश चंद्र जोशी, मोहित मौलखी, सचिन मोहन सिंह मेहता, अंकुश नेगी