हाईकोर्ट ने जाम से निजात के लिए प्रशासन को दिए अहम निर्देश। कहा, ज्यादा पेट्रोलिंग की जरूरत
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने आज नैनीताल में ट्रैफिक जाम को लेकर स्वतः संज्ञान मामले में सुनवाई करते हुए सवेरे 8 से शाम 8 बजे तक परमानेंट रैग्युलर पेट्रोलिंग, नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों का चालान और उन्हें क्रेन से टो करना, स्कूल, न्यायालय और कार्यालय के समय पर ट्रैफिक जाम बिल्कुल न लगे।
ऐसी व्यवस्था के साथ सरकार से इस बात पर विचार करने को कहा है कि, पर्यटकों के वाहनों को हल्द्वानी/काठगोदाम और कालाढूंगी में रोककर उनकी उचित व्यवस्था करना। ई रिक्शा की संख्या 11 से बढाकर 50 की जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने महिला अधिवक्ता प्रभा नैथानी के पत्र को जनहित याचिका के रूप में सुनते हुए बुधवार को सुनवाई के दौरान नैनीताल में चल रहे ई रिक्शा की संख्या के बारे में पूछा था।
खंडपीठ ने नैनीताल आने और जाने के लिए हैली सेवा और नैनीझील में आवागमन के लिए फैरी बोट चलाकर यातायात सुचारू करने का सुझाव दिया था। हालातों से नाराज खंडपीठ ने सुनवाई को कंटीन्यू करते हुए गुरुवार को एक बार फिर सुनवाई की।
कई अधिवक्ताओं, सरकारी अधिवक्ता और अधिवक्ताओं समेत अधिकारियों को सुनने के बाद खंडपीठ ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि सी.ओ.विभा दीक्षित के अनुभव से लगता है कि, नैनीताल की ट्रैफिक प्रॉब्लम यहां आने वाले अत्यधिक वाहन हैं, जो वीकेंड में ज्यादा हो जाते हैं। इससे निबटने का समाधान यहां आने वाले निजी वाहनों को कम करना है।
इसे पर्यटकों को सुव्यवस्था देने के साथ वाहन लाने से हतोत्साहित करना होगा। उन्होंने सरकार से सुझाव मंगा है कि क्या काठगोदाम/हल्द्वानी और कालाढूंगी में साफ सुथरी पार्किंग और बस अड्डा बनाकर लोगों को सहूलियत से नैनीताल लाने की व्यवस्था हो सकती है ?
न्यायालय ने कहा कि उनके वाहनों को सुरक्षित रखा जाए। पर्यटकों को नैनीताल में उनके होटल तक टैक्सी और ई रिक्शा से पहुंचाया जाए।
न्यायालय ने अगली सुनवाई तक सरकार से सुझाव देने को कहा है। इसके अलावा सी.एस.सी.के हैलीपेड बनाने के प्रस्ताव पर न्यायालय ने आशा जताई है कि ये काम जल्द पूरा होगा।
रूसी बाई पास और मुक्तेश्वर के डालिमा में हैलीपेड बनाने के सवाल पर सी.एस.सी.ने चार माह का समय मांगा। हैलीपड से अच्छे पब्लिक ट्रांसपोर्ट से पर्यटकों को होटलों तक लाने से प्रोजेक्ट सफल होगा।
नैनीताल में पार्किंग और नो पार्किंग के बोर्ड लगाए जाएं। लावारिस गाड़ियों को टो करने वाली क्रेन की संख्या बढ़ाई जाए। बॉटल नैक क्षेत्र में नो पार्किंग जोन बनाया जाए।
ट्राफिक पेट्रोलिंग सवेरे 8 से रात 8 बजे तक होनी चाहिए। स्कूली और सरकारी वाहन के साथ अधिवक्ता बच्चों को लाने और ले जाने वाले वाहन ट्रैफिक जाम में न फंसे इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
बात दें कि, पर्यटन सीजन के दौरान नैनीताल और आसपास बड़ी संख्या में पर्यटक अपने वाहनों और टैक्सी से पहुंचते हैं। नैनीताल की सीमित पार्किंग व्यवस्था, इन गाड़ियों को पार्क करने से लिए नाकाफी होती है।
ऐसे में गाड़ियां सड़क पर पार्क कर दी जाती हैं और सड़क सिकुड़ जाती है।परिणामस्वरूप घण्टों तक लंबे लंबे जाम लग जाते हैं। इस जाम से स्कूली बच्चे, कर्मचारी, स्थानीय निवासी, अधिवक्ता और खुद पर्यटक परेशान होते हैं।
न्यायालय ने ई रिक्शा मामले में 50 लाइसेंस जारी करने को कहा। साथ में ज्यादा उम्मीदवार होने पर लॉटरी के माध्यम से बांटा जाए।