हाईकोर्ट ब्रेकिंग: गंगा नदी में अवैध खनन पर लगी रोक बरकरार। सरकार को दिए निर्देश, मांगी रिपोर्ट

गंगा नदी में अवैध खनन पर लगी रोक बरकरार। सरकार को दिए निर्देश, मांगी रिपोर्ट

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गंगा नदी में अवैध खनन के खिलाफ हरिद्वार की मातृ सदन व अन्य की तरफ से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि, वो दस दिन में प्रदेश स्तरीय निगरानी कमेटी बनाए और उसमें पर्यावरणविद्, ब्यूरोक्रेट्स और न्यायिक जगत के सेवानिवृत्त और स्वतंत्र लोगों को शामिल करे।

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि, कमेटी का गठन कर दिया गया है, जिसमें जिला स्तरीय अधिकारी शामिल हैं।

न्यायालय, सरकार की ओर से गठित कमेटी से संतुष्ट नजर नहीं आयी और प्रदेश सरकार को निर्देश दिये कि, दोबारा प्रदेश स्तरीय निगरानी कमेटी बनायी जाए और उसमें पर्यावरणविद्, ब्यूरोक्रेट्स एवं न्यायिक जगत के सेवानिवृत्त लोगों को शामिल किया जाये।

मामले के अनुसार, मात्र सदन व अन्य की ओर से जनहित याचिकाएं दायर कर कहा गया था कि, गंगा नदी में रायवाला से भोपुर के बीच अवैध खनन हो रहा है, जिस पर रोक लगाई जाय।

खंडपीठ ने इसी के साथ रायवाला से भोपुर तक खनन पर लगी रोक को अगली तिथि तक बढ़ा दिया है। साथ ही सरकार को 10 दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई दस दिन बाद हो सकेगी।