फूड वैन मामले में जिला प्रशासन से एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल जिले के भवाली, नैनीताल हल्द्वानी और नैनीताल कालाढूंगी रोड़ में लगाये जा रहे फूड वैनों के मामले में स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला प्रशासन से पूछा है कि, जिन अधिकारियों ने बिना किसी लाइसेंस के फूड वैन लगाने की अनुमति दी है।
उन जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अब तक क्या कार्यवाही की गई है। खण्डपीठ ने एक सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
जिलाधिकारी ने न्यायालय को अवगत कराया कि, इन्हें फूड वैन लगाने का लाइसेंस तो दिया गया है, लेकिन मोटर वाहन अधिनियम में इसका कोई प्रावधान नही है। न्यायालय ने फूड वैनों द्वारा पर्यटन स्थलों में गंदगी और शराब परोसने का भी संज्ञान लिया है।
न्यायालय ने यह भी संज्ञान लिया है कि, फूड वैन मालिक वाहन के टायर निकालकर उसके आसपास झोपड़ी और पक्की दीवारें भी बनाने लगे हैं। इसपर वन विभाग और लोक निर्माण विभाग ध्यान नहीं दे रहे हैं।
फूड वैन एक जगह पर स्थिर होने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसलिए इन्हें चलते रहना चाहिए। क्षेत्र में जितनी भी फूड वैन लगी हैं, वो सब पैसों वालों की है।