शासन के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने खनन सामग्री ले जाते डंपरों को राज्य सरकार से ओवरलोडिंग की मिली अनुमति पर रोक लगा दी है।
न्यायालय ने एक जनहित याचिका को सुनते हुए गौला और दाबका नदी से भार वहन श्रमता से अधिक खनिज ले जाते ट्रकों पर आर.टी.ओ.से कार्यवाही करने को कहा है।
स्टोन क्रेशर संचालकों एवं खनन व्यवसायियों के बीच नदी से निकलने वाली खनन सामग्री के वजन को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच उच्च न्यायालय नैनीताल के डबल बेंच ने खनन व्यवसायियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 108 कुंतल से अधिक वजन लाने पर उत्तराखंड शासन के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है।
सोमवार को उच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए उक्त फैसले के बाद जहां खनन व्यवसायियों की आंखों में चमक है, वही स्टोन क्रेशर संचालकों को एक बड़ा झटका लगा है।
गगन पराशर की याचिका पर उच्च न्यायालय ने खनन में लगे वाहनों के ओवरलोडिंग के शासनादेश 30 जनवरी पर आज रोक लगा दी। इसके साथ ही गौला नदी में चल रहे ओवरलोडिंग पर रोक लग गयी है।
साथ ही कोर्ट ने आरटीओ को आदेश दिया है कि वह मोटर व्हीकल एक्ट के प्राविधानों के अनुसार सख्त कार्यवाही करे, और ओवरलोड वाहनों पर तत्काल रोक लगाए।
विदित रहे कि क्रेशर एशोसिएशन के दबाव में जारी हुए ओवरलोडिंग के शासनदेश पर रोक लगने से क्रशर एसोसियेशन और प्रशासन को बड़ा झटका लगा है, साथ ही ओवरलोडिंग का विरोध कर रहे वाहनस्वामियो हाई कोर्ट के बड़े फैसले के बाद खुशी की लहर है।