जोशीमठ पर मंडराया संकट। बेघर होने पर मजबूर दर्जनों परिवार, आदेश जारी
जोशीमठ। पहाड़ की खूबसूरत जगह जोशीमठ पर संकट के बादल आ खड़े हुए हैं। यहां भूधसाव ने दर्जनों परिवारों को बेघर होने पर मजबूर कर दिया है ।
सोशल मीडिया पर भी अब तक बनभूलपुरा के पक्ष में आवाज उठाने वाले लोगों को जोशीमठ के लोगों के साथ खड़े होने की अपील की जा रही है।
दरअसल, जोशीमठ में भू धसाव की वजह से दर्जनों परिवारों में रह रहे लोगों के ऊपर संकट खड़ा हो गया है। कई परिवारों को शिफ्ट करने की नौबत आई है।वही जोशीमठ मे लगातार हो रहे भूधसाव को देखते हुए जोशीमठ की जनता ने अपने राष्ट्रीय राजमार्ग मे चक्काजाम लगा कर व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे।
बता दे कि, जोशीमठ मे लगातार भूधसाव होने के चलते लोगो के मकानों मे दरार आने से लोग डर के साये मे जीने को मजबूर है।
आक्रोशित लोगों ने टीसीपी के पास चक्काजाम कर सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्थानीय लोगों का कहना है कि, प्रभावितों की सभी मांगे पूरी की जाय।
जब तक सरकार हमारी मांगे पूरी नही करती है। तो आगे बड़ा आंदोलन किया जाएगा। और जब तक प्रशासन से सकारात्मक जबाब लिखित रूप से नही मिलता है। तब तक चक्काजाम जारी रहेगा।
वहीं जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या विकराल होती जा रही है। स्थानीय लोग एटीपीसी के सुरंग निर्माण और सड़क निर्माण केकार्यों को इसका जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
जिला प्रशासन ने भी आपदा एक्ट लागू करते हुए जोशीमठ क्षेत्र मे किसी भी तरह के निर्माण कार्यों पर अगले आदेशों तक फौरन रोक लगा दी है।
एनटीपीसी को तपोवन विष्णुगाड़ परियोजना और बीआरओ को हेलंग सड़क मार्ग निर्माण रोकने के आदेश जारी किए गए हैं।
जोशीमठ में भूधंसाव से 600 से ज्यादा परिवार संकट में हैं। सड़कें धंस रही हैं, बाजार, मंदिर, सब जगह संकट है। एनटीपीसी के बांध के लिए जो सुरंग निर्माण मे विस्फोट इस त्रासदी का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
इसे लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि, अनियंत्रित विकास और बांध की सुरंग का निर्माण कार्य इसके लिए जिम्मेदार है। गुरुवार को स्थानीय लोगों ने बद्रीनाथ हाईवे पर चक्काजाम किया और बाजार पूरी तरह से बंद रहा।
लोगों को राहत पहुंचाने औऱ सुरक्षित स्थानो पर शरण देने के लिए प्रशासन ने स्कूलों, कॉलेजों, मंदिरों, कंपनियों के दफ्तरों को अधिग्रहित करना शुरू कर दिया है।