वेटिंलेटर बंद होने के चलते 4 नवजात बच्चों की मौत। परिजनों ने किया जमकर हंगामा
छत्तीसगढ़ से लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज में वेटिंलेटर बंद होने के चलते 4 नवजात बच्चों की मौत हो गई। बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कालेज के मातृ शिशु अस्पताल में 4 दिसंबर (रविवार) की रात चार घंटे बिजली गुल होने से अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में चार बच्चों की मौत हो गई। इस घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन सहित प्रशासनिक अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया है।
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर पर ऑक्सीजन खत्म होने से चार नवजात बच्चों की मौत हो गई। ये सभी बच्चे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि, घटना रविवार देर रात की. रात में अस्पताल में बिजली बंद हो गई। इसके चलते वेटिंलेटर बंद हो गया और चार बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल में अफरा तफरी मच गई।
परिजनों ने किया हंगामा
बताया जा रहा है कि, घटना रविवार देर रात की. रात में अस्पताल में बिजली बंद हो गई। इसके चलते वेटिंलेटर बंद हो गया और चार बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। सरगुजा कलेक्टर मौके पर पहुंचकर मातृ शिशु वार्ड का निरीक्षण किया।
मौके पर स्वास्थ विभाग और जिला प्रशासन की टीम भी पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्री भी रायपुर से अम्बिकापुर के लिए रवाना हो गए हैं। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि, मैंने स्वास्थ्य सचिव को जांच के लिए टीम बनाने के निर्देश दे दिए हैं।
इस मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है। कलेक्टर के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बंद कमरे में बैठक चल रही है। अभी तक आधिकारिक रूप से मौत के कारणों को लेकर किसी प्रकार की कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की है।
इधर स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव रायपुर से अंबिकापुर के लिए रवाना होने वाले हैं। उन्होंने कहा है कि किन कारणों से बच्चों की मौत हुई इसकी विस्तृत जांच के निर्देश दे दिए गए हैं।
CM को दी घटना की जानकारी
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि वह पल-पल की खबर अस्पताल से ले रहे हैं। साथ ही इसकी जानकारी उन्होंने मुख्यमंत्री को भी दी है।
चर्चा के बाद मुख्यमंत्री द्वारा एक हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री अपनी टीम के साथ अस्पताल पहुंचेंगे और वहां पर घटना की विस्तृत जानकारी लेंगें। साथ ही परिजनों से भी चर्चा करेंगे।