यहां बरसात ने खोली गुणवत्ता की पोल। महाकुंभ के दौरान लाखों की लागत से बना रपटा बहा
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। देर रात से लगातार हो रही बारिश से तमाम नदी/नाले उफान पर बह रहे हैं। गंगा का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है। हरिद्वार महाकुंभ में लाखों रुपये की लागत से बना रपटा एक साल भी नहीं टिक पाया।
बता दें कि, हरिद्वार के ब्लॉक बहादराबाद क्षेत्र के गढ़मीरपुर से सुमननगर जाने वाला रपटा पुल शनिवार रात टूटकर नदी में बह गया है। यह रपटा पुल महाकुंभ के दौरान बनाया गया था, हल्की सी बारिश में रपटा पुल बहने से गुणवत्ता की पोल खुलकर सामने आ गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश के छोटे वाहन इसी रपटा पुल से होकर गुजरते थे। पंचपुरी गढमीरपुर को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाला पथरी रोह का पुराना पुल मार्ग पहले ही सालों से क्षतिग्रस्त है और हल्की बारिश में ही जलभराव हो जाने से लोगों को आवागमन में परेशानी हो जाती है।
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राव अखलाक का कहना है कि, इस रपटे से 50 गांव एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसका निर्माण कार्य सही तरीके से नहीं किया गया। इस कारण यह पहली बारिश में ही बह गया।
ग्रामीणों के द्वारा इसकी सूचना जिले के आला अधिकारियों को दी गई। सूचना पर सिंचाई विभाग की टीम मौके पर निरीक्षण के लिए पहुंची और क्षतिग्रस्त रपटा पुल का निरीक्षण किया।
एसडीओ सिंचाई विभाग संजीव यादव का कहना है कि, देर रात से लगातार हो रही बारिश के कारण नदी में ज्यादा पानी आ जाने से रपटा पुल का ऊपरी हिस्सा ढह गया है, जिसकी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी और कल से ही इसकी मरम्मत और मार्ग को सुचारू रूप से चलाने के लिए कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
हरिद्वार एसडीएम पूरण सिंह राणा ने भी क्षतिग्रस्त हुए रपटा पुल का निरीक्षण किया। पूरण सिंह राणा का कहना है कि, कल देर रात से ही क्षेत्र में काफी बारिश हुई है। इस कारण यह रपटा बह गया। इसके साथ ही गरमिरपुर वाला पुल भी क्षतिग्रस्त हुआ है और नवोदय नगर में कुछ आबादी को भी खतरा हुआ।
हमारे द्वारा तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्य किया जा रहा है, इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है। संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। इनका कहना है कि, कुंभ के दौरान बने इस रपटे की गुणवत्ता की जांच भी की जा रही है।