बदहाली: पर्वतीय जिलों में दो सरकारी भवन खंडहर में तब्दील। सरकारी राजस्व का नुकसान

पर्वतीय जिलों में दो सरकारी भवन खंडहर में तब्दील। सरकारी राजस्व का नुकसान

– प्रभुपाल सिंह रावत
रिखणीखाल प्रखंड के ग्राम द्वारी में स्थित दो सरकारी भवन खंडहर में परिवर्तित हो चुके हैं। ये भवन 10-15 साल से पहले पटवारी कार्यालय व आवास और ए एन एम केंद्र के स्थापित करने के उद्देश्य से बने थे, लेकिन सरकारी उपेक्षा, लापरवाही व दृढ इच्छाशक्ति न होने के कारण स्थापित नहीं किये गये। अब देखते-देखते खंडहर में तब्दील हो गए।

इनका निर्माण स्थानीय चहेते, नौसिखिये ठेकेदारों द्वारा किया गया, वह भी सिर्फ सरकारी बजट को ठिकाने लगाने के लिए व अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए किया गया। अब भवनों पर खिड़की, दरवाजे, चौखट तक गायब व चोरी हो गए हैं। भवन तैयार थे, लेकिन कार्यालय व केंद्र स्थापित नही किये गये। पूजा-पाठ तक नहीं हुआ।

आज जबकि ग्राम द्वारी में तीन-तीन सरकारी कार्यालय किराए के मकानों में चल रहे हैं। पटवारी कार्यालय, ए एन एम सेन्टर, राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ये सब किराये पर हैं। क्या ही अच्छा होता ये इन भवनों में विराजमान होते। लेकिन प्रशासन, विभाग के हुक्मरानों ने इनका सही प्रयोग करना उचित नहीं समझा। अब ये भूतों, जंगली जानवरों, नेपाली, बिहारी मजदूरो का निवास बन गया है।चारों तरफ झाड़ी उग गयी है। नशेड़ियों का अड्डा हो गया है।

जब आम जनमानस इन भवनों के पास से गुजरता है तो सरकारी सिस्टम का भद्दा मजाक उड़ाते हैं। सरकार की किरकिरी होती है। गाँव में राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भी गाँव के पंचायत भवन पर किराए पर चलता है तथा ग्राम पंचायत की मीटिंग खुले आसमान व आंगन में होती है।

कई सालों से प्रशासन को अवगत कराते आ रहे है, पिछले वर्ष भी प्रशासन के आला अधिकारियों को अवगत कराया गया था, जिसके अनुपालन में तत्कालीन खंड विकास अधिकारी रिखणीखाल एस पी थपलियाल और तत्कालीन तहसीलदार रिखणीखाल राजेन्द्र पंत को मौका मुआयना के लिए भेजा था, लेकिन अभी तक जांच आख्या का पता नहीं लगा कि, जांच आख्या कहाँ अटकी पडी है।

अच्छा होता जो इन भवनों को पुनर्जीवित कर इन कार्यालयों को स्थापित कर कामकाज सही चले। ये खंडहर भवन सफेद हाथी की तरह खड़े आम जनमानस व बुद्धिजीवी लोगों को चिढा रहे हैं। इनकी दशा व दिशा में सुधार करने की आवश्यकता है।