ब्रेकिंग: BKTC ने अफवाहों पर लगाया विराम। कहा, पदौन्नतियां विचाराधीन, सभी कार्य नियमानुसार

BKTC ने अफवाहों पर लगाया विराम। कहा, पदौन्नतियां विचाराधीन, सभी कार्य नियमानुसार

– द्वेषपूर्ण वक्तव्य षड्यंत्र का हिस्सा
– मंदिर समिति का ध्यान यात्रा व्यवस्थाओं पर केंद्रित
– विवाद/परीक्षण होने/वित्तीय स्थिति को देखते हुए वेतन वृद्धि पर तत्काल प्रभाव से रोक

देहरादून। विगत कुछ दिनों से श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में नियुक्तियों, पदोन्नतियों व वेतन बढ़ोत्तरी के संबंध में कई मनगढ़ंत समाचार प्रकाशित हो रहे हैं। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि, यह समाचार पूरी तरह से भ्रामक व तथ्यहीन है।

क्योंकि मंदिर समिति में वर्ष 2018 से किसी प्रकार की कोई नई नियुक्ति नहीं हुई है। पदोन्नतियों के मामले में मंदिर समिति ने एक उप समिति का गठन किया है, जिसके पास पदोन्नति संबंधी सभी प्रकरण विचाराधीन है।

अस्थाई कर्मचारियों के वेतन वृद्धि संबंधी प्रकरण में मंदिर समिति कार्मिकों को 05, 10 व 15 वर्ष की अवधि पूर्ण करने पर उनके कैडर के अनुरूप वेतनवृद्धि करती है। विगत दो वर्षों में कोरोना काल और देवस्थानम बोर्ड के कारण अस्थाई कार्मिकों के समयबद्ध वेतन में वृद्धि नहीं हो सकी थी।

मंदिर समिति ने अस्थाई कार्मिकों द्वारा निरंतर उठाई जा रही मांग पर लगभग 125 से अधिक कार्मिकों के वेतन में वृद्धि की है।

जबकि मीडिया व सोशल मीडिया में कुछ लोगों द्वारा एक कार्मिक की वेतन वृद्धि के प्रकरण को प्रचारित व प्रसारित कर भ्रम फैलाया जा रहा है। यह पूरी तरह से शरारतपूर्ण है। जबकि उक्त अस्थाई कार्मिक को नियमानुसार दस वर्ष की सेवा पूर्ण करने के पश्चात 18 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 22 हजार रुपये किया गया था।

उक्त कार्मिक के वेतन में मात्र चार हजार रुपए की बढ़ोत्तरी हुई है। जबकि अन्य कई कार्मिकों के वेतन में आठ-आठ हजार रुपए तक की बढ़ोत्तरी हुई है।

मंदिर समिति ने विवाद की स्थिति को देखते हुए सभी कार्मिकों की वेतन वृद्धि के मामलों का फिर से परीक्षण करने और तब तक सभी की वेतनवृद्धि पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।

मीडिया प्रभारी ने बताया कि, वर्तमान में मंदिर समिति यात्रा व्यवस्थाओं में जुटी हुई है। इस प्रकार के अनर्गल व भ्रामक समाचारों से समिति के कार्मिकों का मनोबल प्रभावित हो रहा है। मंदिर समिति अनुरोध करती है कि, किसी प्रकार का समाचार इत्यादि प्रकाशित करने से पूर्व तथ्यों की पुष्टि अवश्य करें।