गुड़ न्यूज़: यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घंडियाल में पहली सफल सिजेरियन डिलीवरी। जच्चा-बच्चा स्वस्थ

यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घंडियाल में पहली सफल सिजेरियन डिलीवरी। जच्चा-बच्चा स्वस्थ

घंडियाल। जिला अस्पताल पौड़ी के अन्तर्गत संचालित सामदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घंडियाल में पहली सफल सजेरियन डिलीवरी हुई। अब तक सिजेरियन डिलीवरी के लिए मरीजों को जिला अस्पताल पौड़ी या श्रीनगर बेस अस्पताल रैफर किया जाता था। सर्जरी के जच्चा-बच्चा दोनों ठीक हैं। जल्द ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के डॉक्टरों व स्टाफ ने पहली सिजेरियन डिलीवरी पर एक दूसरे को बधाई दी व क्षेत्रवासियों के लिए इसे बड़ी राहत बताया। यह जानकारी जिला अस्पताल, पौड़ी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ पी०के जैन ने दी।

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ पीके जैन ने बताया कि, घंडियाल निवासी 22 वर्षीय महिला को बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घण्डियाल में लाया गया था। स्त्री एवं प्रसुुति रोग विशेषज्ञ डॉ ज्योति वर्मा व उनकी टीम ने महिला की सफल सिजेरियन डिलीवरी करवाई।

डॉ जैन ने जानकारी दी कि, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घण्डियाल को हर स्तर से बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। क्षेत्रवासियों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ नियमित प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने जानकारी दी कि, घंडियाल सेंटर में पहले जहां साल भर में केवल 2 से 3 नार्मल डिलीवरी ही हो पाती थीं, वहीं अब नार्मल डिलीवरी का यह आंकड़ा काफी बेहतर हो गया है। घंडियाल सेंटर में अब प्रतिमाह 13 से 15 नार्मल डिलीवरी हो रही हैैं। घंडियाल सेंटर में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध होने के बाद क्षेत्रवासियों में खासा उत्साह है।

काबिलेगौर है कि, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घंडियाल में एक सप्ताह पहले एक मरीज़ की हर्निया की सफल सर्जरी की गई। यह घंडियाल सेंटर के डॉक्टरों व स्टाफ की कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि क्षेत्रवासियों का सेंटर की सेवाओं पर विश्वास बढ़ा है।

काबिलेगौर है कि, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल द्वारा जिला अस्पताल पौड़ी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाबो व घंडियाल को वर्तमान में पीपीपी मोड पर चलाया जा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घंडियाल में सिजेरियन डिलीवरी की भी समुचित व्यवस्था उपलब्ध हैं।

ऑपरेशन को सफल बनाने में डॉ ज्योति वर्मा, डॉ भास्कर, डॉ सिमरनजीत, ओ.टी. टैक्नीशियन सूरज वेद व टीम का महत्वपूर्णं सहयोग रहा।