दून में आरके पुरम कॉलोनीवासियों ने चंदा इकट्ठाकर बनाई सड़क। जनप्रतिनिधियों को दिखाया आईना
– जाने-माने फिजिशियन डॉ जोशी बोले दुःख होता जनप्रतिनिधियों की बहानेबाजी सुनकर
देहरादून। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी दावा करते हैं कि, देश में सड़क निर्माण का कार्य रिकॉर्ड 30 किलोमीटर प्रतिदिन पहुंच गया है। यह दावा उत्तराखंड में धरातल पर दिखाई नहीं देता। अगर दिखाई देता तो लोगों को चंदा इकठ्ठा कर सड़क निर्माण कार्य नहीं करवाना पड़ता।
जी हाँ देहरादून की विधानसभा से महज एक किलोमीटर दूर वीआईपी कही जाने वाली आर.के पुरम कालोनी वासियों ने अपने स्तर से सड़क निर्माण कर सरकार के साथ ही शासन-प्रशासन को आईना दिखाने का काम किया है।
लंबे समय से खस्ताहाल हो चुकी सड़क के निर्माण को लेकर कॉलोनी वासियों ने पार्षद, विधायक और मुख्यमंत्री के दरबार में गुहार लगाई। लेकिन कहीं से कोई हल नहीं निकला, जिसके बाद थक हारकर निराश कॉलोनी वासियों ने आपस में चंदा जमा कर अपने स्तर से ही सड़क का निर्माण शुरू कर दिया है।
अब आप सोच सकते हैं कि, जब देहरादून शहर में लोगों को चंदा जमा कर सड़क का निर्माण करना पड़ रहा है तो पहाड़ों में स्थिति क्या होगी?
जानकारी के अनुसार जोगीवाला चौक की बद्रीपुर रोड़ पर स्थित आर.के.पुरम कालोनी की सड़क खस्ताहाल हो चुकी है। सड़क में जगह-जगह गड्डे ही गड़डे हो चुके हैं। खस्ताहाल सड़क से स्थानीय लोग काफी परेशान हैं। इन गड्डों के कारण कई बार लोग चोटिल भी हो चुके हैं।
सड़क निर्माण को लेकर लोग स्थानीय लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों, पार्षद कपिल थापा से लेकर क्षेत्र के तत्कालीन विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के दरबार में भी भी कई बार गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। चारों तरफ से निराश लोगों ने आखिरकार आपस में पैसे जमा कर अपने स्तर से सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।
डॉ जोशी बोले, दुःख होता है जनप्रतिनिधों का रवैया देखकर
जाने-माने डॉक्टर एसडी जोशी भी इसी आर.के.पुरम कालोनी में रहते हैं। सड़क की दुर्दशा से चितिंत डॉक्टर जोशी कहते हैं कि, व्यक्तिगत स्तर से उन्होंने देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा, स्थानीय विधायक त्रिवेन्द्र सिंह रावत, स्थानीय पार्षद कपिल थापा, लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों से बात की लेकिन कोई हल नहीं निकला।
हर तरफ से सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। स्थानीय कांग्रेसी पार्षद कपिल थापा तो यहां तक कहते हैं कि, यह कालोनी भाजपा का वोट बैंक है। इस सड़क का निर्माण भाजपा सरकार करवायेगी। इसका साफ सा मतलब है कि, वह इस सड़क का निर्माण नहीं करवायेंगे।
जनप्रतिनिधियों के इस रवैये से नाराज डॉ जोशी कहते हैं कि, विधानसभा से 1 किलोमीटर दूरी पर स्थित कालोनी की सड़क की कोई सुध लेने को तैयार नहीं है। जिसमें प्रतिष्ठित लोग रहते हैं, तो पहाड़ के सड़कों की हालत क्या होगी? हर जगह से थक हारकर हम सभी कालोनीवासियों ने आपस मे पैसे जमा कर सड़क निर्माण कार्य शुरू करा दिया है।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के दरबार में भी नहीं हुई सुनवाई
डॉ जोशी ने बताया कि, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक जब डोईवाला के विधायक थे, तब इस सड़क का निर्माण हुआ था। उसके बाद से इस सड़क की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया।
महज 300 मीटर सड़क के निर्माण को लेकर जनप्रतिधियों के पास 300 बहाने हैं। कभी बजट नही तो कभी अभी बरसात है उसके बना देंगे। उन्होंने कहा बड़ा दुख होता है कि जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों की इस तरह की बहानेबाजी देखकर।
बड़ी सँख्या में लोग हो चुके हैं चोटिल
वहीं आर.के.पुरम कालोनी के संरक्षक केशर सिंह का कहना है कि, उनकी कालोनी डोईवाला विधानसभा के अंतर्गत आती है। कालोनी के प्रतिनिधिमंडल ने तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से कई बार गुहार लगाई। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि, चुनाव के वक्त जनप्रतिनिधि लम्बे चौड़े वादे करते हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद सब कुछ भूल जाते हैं। आये दिन वृद्ध लोग और बच्चे इन गढ्डों की वजह से चोटिल हो रहे हैं।