भाजपा अध्यक्ष को चुनाव आयोग का नोटिस। 24 घंटे में मांगा जवाब
भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को पूर्व सीएम हरीश रावत की तस्वीर से छेड़छाड़ के मामले में नोटिस भेजा है। कांग्रेस की शिकायत पर यह नोटिस देते हुए 24 घंटों के भीतर जवाब मांगा है।
इस मामले में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने शिकायत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की फोटो को एडिट करके सोशल मीडिया पर वायरल कर उसे सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया था। जिसमें हरीश रावत को मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने और कई अन्य आरोपों के साथ उसको वायरल किया, जो कांग्रेस को नागवार गुजरा।
ऐसे में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड भाजपा को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा है। नोटिस में गंभीर धाराओं का उल्लेख किया गया है।
भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) से एक शिकायत मिली है, जिसमें कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड (@BJP4UK) ने 03.02.2022 को रात 9:34 बजे, अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की एक विकृत छवि को चित्रित किया है, जिसमें उन्हें झूठा बताया गया है।
एक विशेष समुदाय से संबंधित के रूप में दर्शाया गया है और नीचे के रूप में ट्वीट भी किया गया है-
आयोग ने इस मामले पर गंभीरता से विचार किया और यह माना जाता है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तराखंड ने धाराओं का उल्लंघन किया है ( 1) और (2) राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग “सामान्य आचरण” और प्रतिनिधित्व की धारा-123 की उप-धारा (3ए) में निहित प्रावधानों में निर्धारित लोक अधिनियम, 1951 और भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 153 (ए) की उप-धारा (1) (ए) में ऐसे बयान दिए गए जो उत्तेजक हैं और भावनाओं को गंभीरता से भड़का सकते हैं और कानून और व्यवस्था की स्थिति को खराब कर सकते हैं, जिससे प्रतिकूल रूप से चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है।
इसलिए, अब आयोग भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड को एक अवसर देता है कि वह हरीश रावत की विकृत छवि को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर डालने पर अपना रुख स्पष्ट करे, जैसा कि एआईसीसी ने आरोप लगाया था। स्पष्टीकरण इस नोटिस की प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर आयोग के पास पहुंच जाना चाहिए, ऐसा न करने पर आयोग इस मामले में भाजपा उत्तराखंड को आगे संदर्भित किए बिना उचित निर्णय लेगा।