उत्तराखंड के इस गांव ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान
– ग्रामवासी लगाएंगे जनप्रतिनिधियों का प्रवेश निषेध के बैनर
रिपोर्ट- सलमान मलिक
रुड़की। भले ही भारत को आजाद हुए 70 साल हो गए हो। भले ही आज भारत डिजिटल इंडिया बनने जा रहा हो लेकिन धरातल पर आज भी ऐसे कई गांव है, जिसमे ग्रामवासी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है।
समस्या चाहे रास्ते हो या शिक्षा की आज भी अपनी जगह बरकरार है। यहां तक कि, अंतिमसंस्कार करने की भी जगह ग्रामवासियों को उपलब्ध नहीं है।
तस्वीरों में जो भीड़ आप देख रहे हैं, कही और की नही बल्कि अखण्ड भारत या कहिए कि डिजिटल इंडिया की देवभूमि उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले के ज्वालापुर विधानसभा स्थित ग्राम पंचायत खेड़ी शिकोहपुर के मजरे गांजा मजरा गांव की है।
जिसमे भारत की आजादी से लेकर आज तक सबसे बड़ी और दुखद समस्या गांव में अंतिम संस्कार करने के लिए शमशान घाट नही है।
कल सुबह गांव में एक बुजुर्ग की मृत्यु हो जाने के बाद बुजुर्ग को ग्रामवासी गांव के पास नदी में अंतिम संस्कार करने के लिए ले गए।
जैसे ही उन्होंने बुजुर्ग की चिता में आग लगाई उसके तुरंत बाद बारिश शुरू हो गई, जिससे चिता में लगी आग बीच में ही ठंडी हो गई।
ग्रामीणों के द्वारा तेल वगैराह डालकर बड़ी मुश्किल से बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया। इस बात से आहत सभी ग्रामवासियों ने अपनी एक मीटिंग की, जिसमे उन्होंने इस विधानसभा के चुनाव को बहिष्कार करने का निर्णय लिया।
कहा कि, गांव में किसी भी जनप्रतिनिधि को घुसने नहीं दिया जाएगा, गांव के दोनों तरफ रास्तों पर जनप्रतिनिधियों का प्रवेश निषेध के बैनर लगने वाले है।