रुद्रपुर में अटकलों का बाजार गर्म। क्या राजकुमार को मिलेगा टिकट या प्रत्याशी होगा कोई और….
रिपोर्ट- दिलीप अरोरा
उत्तराखंड में चुनावी बिगुल बज चुका है। सभी पार्टियों ने राज्य के अलग-अलग युद्धभूमि पर अपने महारथी चुनाव में उतार दिए है। लेकिन अभी भी कुछ पार्टियों ने कुछ एक सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है, इसमें उधम सिंह नगर से रुद्रपुर विधामसभा भी एक है।
रुद्रपुर आजकल बहुत चर्चाओ में चल रहा है और हो भी क्यों न? क्योंकि यहां से भाजपा प्रत्याशी राजकुमार ठुकराल पिछले दो बार से लगातार यहां की जनता के आँखों के तारे जो रहे है और इसी का नतीजा है यहां की जनता ने अपने राजकुमार को रुद्रपुर की गद्दी भी दे रखी है।
लेकिन ऐसे मे रुद्रपुर सीट से अभी तक उनके नाम का ऐलान नहीं होना यह सभी को अचम्भे मे डाले हुए है और अटकले लगाई जा रही है कि, रुद्रपुर के राजकुमार से इस बार उनका सिंघासन छीन सकता है। इस बार शायद उनको टिकट न मिले। क्या सच मे ऐसा होने वाला है। यदि उनको टिकट नहीं मिली तो फिर किसको मिलेगी टिकट। क्या रुद्रपुर से राजकुमार का हैट्रिक का सपना अधूरा ही रह जायेगा। इन सब सवालों मे घिरी है, रुद्रपुर की विधानसभा।
राजकुमार को फाइनल करने मे कौनसी मुसीबत
रुद्रपुर के राजकुमार 2012 से लगातार रुद्रपुर के सिघासन पर विराजमान है। पिछले 10 वर्षो से इस सीट से विधायक है, बावजूद इसके उनका नाम भाजपा की तरफ से फाइनल न होना हैरानी की बात है, और हो भी क्यों न, चर्चाओ की माने तो विधानसभा रुद्रपुर मे भाजपा के अन्य नेताओं द्वारा अपनी दावेदारी ठोकना और इनके खिलाफ जाना।
इनकी टिकट कटवाने के लिए भाजपा के कुछ एक नेताओं ने इनकी कुछ वीडियो और कुछ अभद्र शब्दों को अलाकमान तक पंहुचाकर इनको टिकट न देने का भी आग्रह किया है।
तो क्या अलाकमान इस वजह से उनके दो बार विधायक बनने की वजह को दरकिनार करकर इनकी टिकट काट देगा, क्या इनके विरोधी इन पर भारी पड़ेंगे, यह आजकल में पता चल ही जायेगा।
कैसे बचेगी राजकुमार की राजनितिक गद्दी
इस समय अटकलो का बाजार बहुत गर्म हो चुका है। ठुकराल के विरोधी भी बगावत करने को तैयार है। ऐसे मे इस सीट से राजकुमार को पुनः टिकट देना भाजपा चुनाव समिति के लिए एक बड़ा सर दर्द बन चुका है। क्योंकि एक तरफ उनके विरोधी अपनी आवाज बुलंद कर रहे है तो दूसरी तरफ राजकुमार की दो बार से जीत भी चुनाव समिति के सामने है।
दो बार की जीत राजकुमार को रुद्रपुर सीट से अजेय बनती है। राजकुमार की छवि की बात करे तो रुद्रपुर मे वह कटटर हिंदूवादी नेताओं के रूप मे जाने जाते है। लम्बी कठकाटि के राजकुमार की हमेशा अपनी बोली से चर्चाओ मे रहे है, इसी को आधार बनाकर इनका विरोधी खेमा भी अपनी आवाज को बुलंद कर बैठा है।
लेकिन हमारे राजनितिक विशेषज्ञ की ग्राउंड रिपोर्ट की माने तो लगभग ठुकराल की टिकट फाइनल है और रुद्रपुर से आज या कल राजकुमार के नाम पर मुहर लग सकती है उसकी एक बड़ी वजह है कि, वह क्षेत्र के बड़े नेता है और भाजपा के पास इतना बड़ा नेता कोई नहीं है और सभी जानते है कि, यहां से ठुकराल को हरा पाना कांग्रेस के बस की बात नहीं है।