परिवहन विभाग की निशुल्क सेवा पर सवाल। बुजुर्गों के लिए नहीं रोकी जाती बसें
उत्तराखंड में परिवहन निगम अपनी सेवाएं दे रहा हैं , लेकिन जब ये परिवहन निगम की बसें किसी को ठीक से सेवा ही न दे पाएं तो फायदा ही क्या?
ऊपर से सरकार कहती हैं कि, 65 वर्ष से ऊपर को निशुल्क सेवा दी जाएगी, निःशुल्क तो दूर की बात हैं ये तो 65 वर्ष से ऊपर के लोगो के लिए रुकने को ही तैयार नहीं हैं।
दरअसल, देहरादून से धुमाकोट के लिए जो उत्तराखंड परिवहन निगम की बस सेवा लगी है, वह कान्डानाला के स्टैण्ड पर नहीं रुकती तथा 65 वर्ष के किसी व्यक्ति के शक्ल देखते ही वाहन की गति तेज कर देती है।
ऐसा ही एक वाक्या सोमवार दिनांक- 27/09/2021 को हुआ, जो बस धुमाकोट से देहरादून को आ रही थी, वहां स्टैण्ड पर खड़े 90 वर्षीय वृद्ध को देखकर रुकी नहीं तथा भाग गयी।
वृद्ध के साथ स्थानीय ग्रामीण ग्राम तैडिया के हरीश ध्यानी एक गाइड के बतौर थे। बस को हाथ देने पर गति तेज कर दी। इस मार्ग पर यातायात की बहुत कमी है, वृद्ध तैडिया से पैदा चलकर बस की इंतजारी में था, लेकिन उत्तराखंड परिवहन निगम की बस रफ्फू चक्कर हो गयी। चालक व परिचालक ने सोचा कि, किराया तो ये वृद्ध देगा नहीं।
सरकार कहती है, हमने 65 वर्ष से ऊपर को निशुल्क सेवा दी है। लेकिन जब बस चालक रोकेगा ही नहीं तो क्या करना उस शासनादेश का?