सचिव को सजा। मंत्री के खास दागी को चीनी की मिठास
करोड़ों के घोटाले के आरोपी आरके सेठ को उत्तराखंड शुगर्स में महाप्रबंधक बनाया गया हैं। उत्तराखंड शुगर्स में महाप्रबंधक बनाने का लिखित आदेश विभागीय मंत्री ने ही दिया।
आरोपी आरके सेठ की पहुंच इतनी ऊपर तक हैं कि, जब विभागीय मंत्री के लिखित आदेश के बाद सचिव ने उन्हें निलंबित कर दिया तो मंत्री जी ने पहले तो विभागीय सचिव को हटवाया और नए सचिव को नियुक्त किया। जिसके बाद नए सचिव ने फिर से उत्तराखंड शुगर्स में महाप्रबंधक बनवा दिया।
सूत्रों की माने तो यह सारा खेल बंद पड़ी सितारगंज चीनी मील को चलवाने की तैयारी में हो रहा है। पहले इस मील को चलवाने के लिए निकाले गए टेंडर में इच्छुक लोगों से 50 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। अब नए सिरे से खेल की तैयारी है। पता लगा हैं कि, मील चलाने वाले को सरकारी खजाने से पैसा भी दिया जाएगा।
स्पेशल ऑडिट में गन्ना विभाग के अफसर आरके सेठ पर गंभीर आरोप में लगे हैं। पूर्व गन्ना सचिव चंद्रेश यादव ने इसकी जांच शुरू करवा दी थी। जिसके बाद इस अफसर ने विभागीय मंत्री ने संपर्क किया।
मंत्री ने लिखित आदेश किया कि इस अफसर को उत्तराखंड शुगर्स में महाप्रबंधक बनाया जाए। लेकिन सचिव ने आरोपों की गंभीरता को देखते हुए सेठ को निलंबित कर दिया। आदेश में यह भी लिखा कि यह अफसर राजनीतिक दबाव में पोस्टिंग करवाना चाहता है।
अफसर को निलंबित करने के बाद ही सचिव चंद्रेश को गन्ना विभाग के हटा दिया गया। इसके बाद हरबंश चुघ को गन्ना सचिव बनाया गया।
नए सचिव हरबंश चुघ ने आरके सेठ को न केवल तत्काल ही बहाल कर दिया व मंत्री की मंशा के अऩुसार ही इस दागी अफसर को उत्तराखंड शुगर्स के महाप्रबंधक जैसे अहम पद पर तैनाती का आदेश भी जारी कर दिया।