आंदोलनकारी आरक्षण की जगी आस, पत्रावली पहुंची राजभवन के पास
– मोर्चा ने मुख्यमंत्री से की थी पत्रावली को राजभवन भेजने की मांग
विकासनगर। राज्य आंदोलनकारियों को 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण प्रदान किए जाने संबंधी विधेयक तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने पास किया था, जोकि लगभग 5-6 साल से राजभवन में लंबित है।
उक्त मामले में जनसंघर्ष मोर्चा द्वारा अप्रैल 2021 को मुख्यमंत्री ( वर्तमान में तत्कालीन) से आग्रह कर पत्रावली पुनः राजभवन को स्वीकृति प्रदान किए जाने हेतु प्रेषित करने का आग्रह किया गया था।
उक्त के क्रम में मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र गृह विभाग को कार्रवाई हेतु प्रेषित किया गया तथा जून 2021 को पत्र गृह विभाग द्वारा विधेयक एवं संसदीय कार्य विभाग को कार्रवाई हेतु प्रेषित किया गया था। विधाई एवं संसदीय कार्य विभाग ने दो-चार दिन पहले ही अवगत कराया कि, पत्रावली राजभवन को प्रेषित की जा चुकी है |
बुधवार को मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने एक वार्ता के दौरान बताया कि, पूर्ववर्ती सरकार द्वारा राज्य आंदोलनकारियों के हक में विधेयक लाया गया था तथा स्वीकृति हेतु राजभवन को भेजा गया था, लेकिन दो-तीन बार आग्रह करने के बावजूद भी राजभवन द्वारा न तो कोई कार्रवाई की गई और न ही विधेयक को वापस किया गया था।
विधेयक को स्वीकृति प्रदान कराए जाने को लेकर मोर्चा द्वारा पूर्व में भी काफी प्रयास किया गया था। राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का लाभ न मिलने से उनका हक मारा जा रहा था।
वार्ता के दौरान मोर्चा ने राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण मिलने की भी उम्मीद जताई है।