नदी के बहाव को बदलने की आड़ में सरकारी राजस्व की चोरी
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। मालन नदी के पुल से नीचे की ओर वन विभाग के द्वारा नदी के बहाव को बींचो-बीच करने के लिए जेसीबी मशीन लगाई थी, लेकिन जेसीबी संचालक नदी से निकलने वाले मलबे को आबादी की ओर न लगाकर बल्कि उसे डंपर और ट्रैक्टर ट्राली से पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर पहुंचा रहे हैं। इससे न केवल राज्य सरकार को राजस्व की हानि हो रही है, बल्कि नदी आबादी की ओर भी रुक कर सकती है।
जानकारी के मुताबिक लैंसडौन वन प्रभाग के द्वारा मालन नदी के पुल से ऊपर की ओर चार जेसीबी और पुल से नीचे की ओर चार जेसीबी मशीन लगाकर नदी के बहाव को आबादी से हटाकर बीचो-बीच करने का कार्य किया जा रहा है।
इसके लिए वन विभाग ने जेसीबी मशीनों को प्रति घंटे के हिसाब से लगाने का ठेका दिया था, इस कार्य के लिए लैंसडौन वन प्रभाग ने जेसीबी मशीन संचालकों को निर्देशित किया गया था कि, वह नदी से मालवा निकालकर नदी के दोनों और लगाएं, जिससे कि नदी का बहाव बीचो-बीच हो जाए।
लेकिन जेसीबी संचालकों के द्वारा नदी से निकलने वाले मलवे को बिना राजस्व दिए ट्रैक्टर-ट्रॉली व डंपरों से पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर भेजा जा रहा है। यह कार्य कोई रात के अंधेरे में नहीं बल्कि दिनदहाडे किया जा रहा हैं। ऐसा नहीं कि किसी भी अधिकारी की नजर इन जेसीबी मशीन, ट्रैक्टर ट्राली व डंपर पर नहीं पड़ रही हो, लेकिन फिर भी जानबूझकर सभी अंजान बने हुए हैं।