महिला टीचर ने भाजपा कार्यकर्ता पर लगाया अभद्रता का आरोप, मुकदमा दर्ज

महिला टीचर ने भाजपा कार्यकर्ता पर लगाया अभद्रता का आरोप, मुकदमा दर्ज

 

– महिला टीचर को अपनी पहुंच का रौब दिखाकर धमकाता है पूर्व भाजपा लैंसडाउन मीडिया प्रभारी

रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल
लैंसडाउन। आये दिन सत्ता के नशे में चूर नेताओं की वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होती रहती है। नेता अपनी पहुंच का रौब आम व्यक्ति, अधिकारी वर्ग या फिर कमजोर वर्ग पर दिखाते हैं।

सरकार चाहे किसी की भी हो महिला उत्पीड़न, महिला सशक्तिकरण, महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात करती है परन्तु हो उल्टा ही रहा है।

बात सत्ता धारी पार्टी के एक बिगड़ैल कार्यकर्ता मुकेश अग्रवाल की है, जो महिला टीचर भावना वर्मा को आते-जाते गलत कमेंट करता है। जब महिला ने विरोध किया तो उक्त व्यक्ति ने अपनी पहुंच का रौब दिखाकर महिला टीचर को उसकी नोकरी खाने की धमकी दे डाली। अपनी पहुंच प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व विधायक तक बताता है।

महिला ने कहा कि, मुकेश अग्रवाल अपने को लोक संहिता पेपर का पत्रकार बताता है, लेकिन लोक संहिता ने इनको अपना पत्रकार मानने से इनकार किया है। महिला ने लैंसडाउन कोतवाली में उक्त महामंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक संतोष कुवंर ने कहा कि, आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है व जांच जारी है।

समाजसेवी रंजना रावत ने कहा कि, शासन-प्रशासन जल्द व्यक्ति पर कार्यवाही करे, यदि कार्यवाही नही की गई तो भावना वर्मा के साथ CO ऑफिस में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

कॉंग्रेस नेत्री ज्योति रौतेला ने कहा कि, प्रशासन को अब तक कार्यवाही करनी चाहिए थी, लेकिन पुलिस किस दबाव में है यह पता नहीं, यदि जल्द कार्यवाही नहीं कि गई तो भावना वर्मा के साथ वे सड़क पर उतरेगी।

बता दें कि, महिला टीचर भावना वर्मा राज्य आंदोलन कारी के साथ-साथ एक सरकारी अध्यापिका भी है। भावना वर्मा अभ्युदय परिवार नामक संस्था की संयोजिका है, जिनको विभिन्न मंचो के द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
इनकी संस्था छोटे बच्चों को मंच प्रदान करती है, ताकि उनकी प्रतिभा का विकास हो सके।

वार्ता के दौरान अध्यापिका ने बताया कि, हमारी संस्था समर कैंप लगाती है, जिसमें बच्चों की कार्यशाला होती है। बच्चे उसमें क्राफ्ट, मेहंदी, चित्रकला, सिलाई-बुनाई आदि सीखते हैं। हमने 70 वर्षों से ऊपर की महिलाओं का भी सम्मान किया। पिछले कोरोना काल में इनको कोरोना योद्धाओं का सम्मान दिया।

इनकी संस्था आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को मंच प्रदान करती हैं, ताकि उनको अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्राप्त हो। इनकी संस्था उत्तराखंड के पारंपरिक पर्व बच्चों के द्वारा मनवाती है, जिससे हमारी संस्कृति जीवित रहे।