डाकपत्थर बैराज के खस्ताहाल। भारी वाहनों के चलते कभी भी हो सकता है बैराज धराशायी

डाकपत्थर बैराज के खस्ताहाल। भारी वाहनों के चलते कभी भी हो सकता है बैराज धराशायी

● उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बैराज को किया गया था प्रतिषिद्ध क्षेत्र घोषित
● पुलिस/अभिसूचना ने सुरक्षा की दृष्टि से माना है बैराज को अति संवेदनशील
● सरकार द्वारा अधिसूचित मामले में पुलिस को किसने दिया अधिकार

विकासनगर। जनपद देहरादून स्थित डाकपत्थर बैराज (हेड रेगुलेटर पुल) को सुरक्षा एवं संवेदनशीलता की दृष्टि से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 1989 में प्रतिषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया था तथा तब से इसकी सुरक्षा में दिन-रात प्रशिक्षित सशस्त्र सुरक्षा गारद की तैनाती की गई थी, जोकि वर्ष 2013 तक अनवरत चलती रही थी।

इस पर आज शनिवार को जनसंघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि, डाकपत्थर बैराज क्षेत्र के आस-पास खनन माफियाओं ने यूजेवीएनएल एवं तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (देहात) से सांठ-गांठ कर सरकार द्वारा अधिसूचित क्षेत्र से शासन/प्रशासन तथा उच्चाधिकारियों को विश्वास में लिए एवं उनके निर्देश लिए बिना वर्ष 2013 में बैराज पर तैनात सुरक्षा गारद हटा ली गई।

एसपी देहात के मौखिक पर प्रतिसार निरीक्षक ने हटाई सुरक्षा

शर्मा ने हैरानी जताते हुए यह भी कहा कि, खनन माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए प्रतिसार निरीक्षक, पुलिस लाइन, देहरादून द्वारा एसपी (देहात) के मौखिक आदेश मात्र से सुरक्षा हटाना बहुत गंभीर कृत्य है। यहां यह उल्लेखनीय है कि, उक्त बैराज से पूरी रात सैकड़ों की तादाद में रोजाना अवैध खनन से भरे भारी वाहन गुजरते हैं, जोकि कभी भी धराशायी हो सकता है।

माफियाओं से सांठ-गांठ कर दिया कार्य को अंजाम

उक्त बैराज की संवेदनशीलता एवं सुरक्षा के मामले में पुलिस एवं अभिसूचना विभाग ने भी इसकी सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की हामी भरी है। मोर्चा शीघ्र ही पुलिस एवं यूजेवीएनएल के अधिकारियों की खनन माफियाओं से सांठ-गांठ के आधार पर हटाई गई सुरक्षा गारद के मामले में शासन में दस्तक देगा।