कोविड अस्पताल में भरा पानी, स्वास्थ्य कर्मचारियों ने निकाला। खुली प्रशासन के दावों की पोल
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। जिले के साथ पूरा उत्तराखंड प्रदेश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है, इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार भी मरीजों के इलाज के बड़े-बड़े दावे कर रही है, मगर इसी बीच जो तस्वीरे सामने आई है, उससे उत्तराखंड सरकार के सभी दावों की पोल खोल दी हैं। हरिद्वार में सरकार और पतंजलि योग पीठ के सहयोग से चलाए जा रहा कोविड अस्पताल पहली बारिश में ही जल मग्न हो गया और इसका वीडियो वारयल हो गया। इस अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारी बारिश के पानी को पीपीई किट पहनकर अस्पताल से बाहर निकालने की जद्दोजहद करते है, बारिश का पानी अस्पताल में आने से मरीज भी काफी परेशान हुए। घंटों की मशक्कत के बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा पूरी तरह से पानी नहीं निकाला जा सका।
अभी हाल ही में कुम्भ मेले में लोगो की स्वास्थ्य संबंधित सुविधाओ के लिए बनाए गए बेस अस्पताल को कोविड केयर के रूप में बदल कर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह द्वारा उद्घाटन किया गया था, जिसका संचालन सरकार और बाबा रामदेव की संस्थान पतंजलि के साथ मिलकर किया जा रहा है। यह कोविड सेंटर अपने पहले दिन से ही विवाद में आ गया था, जहां मुख्यमंत्री के उद्घाटन के बाद भी वेंटिलेटर शुरू नही हो पाए थे, तो आज एक बार फिर इस अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल उस समय खुल गई जब पहली बारिश में ही यह कोविड सेंटर जल मग्न हो गया। हॉस्पिटल में काम कर रहे एक स्टाफ द्वारा वहां की स्थिति का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया गया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि, डॉक्टर और हॉस्पिटल का अन्य स्टाफ किस तरह हॉस्पिटल में भरे पानी में काम करने को मजबूर दिखा और खुद ही पानी को बाहर निकालने की व्यवस्था की ऐसे हालात में कोविड के मरीजो की क्या हालत होगी यह केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
जिला प्रशासन को बेस हॉस्पिटल में पानी के भरने की सूचना सुबह 10:30 बजे मिली थी, मगर शाम होते-होते भी जिला प्रशासन द्वारा पानी को बाहर निकालने की व्यवस्था नहीं की गई। मौके पर जिले के सभी आला अधिकारी पहुंचे। सीडीओ सौरभ गंगवार का कहना है कि, सुबह 10:30 के करीब हमें सूचना मिली थी कि, बेस हॉस्पिटल में पानी भर गया है। हॉस्पिटल के बाहर टॉयलेट जाने में भी लोगों को दिक्कत हो रही है, पानी को बाहर हमारे द्वारा निकाला जा रहा है। जल्द ही सारी व्यवस्थाएं ठीक हो जाएगी। पहले पानी काफी भर गया था, अब हमारे द्वारा काफी पानी को बाहर निकाल दिया गया है। यहां पर पानी आने की मुख्य वजह पीछे नाला है, उसकी सफाई भी कराई जा रही है। जिससे आगे यहां पर पानी ना भर सके। इनका कहना है कि, इस हॉस्पिटल को राज्य सरकार और पतंजलि द्वारा संचालित किया जा रहा है, पानी भरने से अंदर मरीजों को कोई परेशानी नहीं हुई। बस वहां मशीनों को लेकर थोड़ा खतरा बना हुआ था। क्योंकि मशीन नीचे की तरफ थी, उसकी भी हमारे द्वारा व्यवस्था की गई है।
गौरतलब है कि, मौसम विभाग द्वारा चेतावनी दी गई थी कि, आने वाले दिनों में भारी बारिश होने का अनुमान है। पहले ही बारिश में हरिद्वार जिला प्रशासन के दावों की हवा निकल गई । बेस हॉस्पिटल में बारिश के पानी को निकालने में जिला प्रशासन द्वारा घंटों मशक्कत की गई, मगर अब तक भी जिला प्रशासन द्वारा पूरी तरह से बेस हॉस्पिटल से पानी को बाहर नहीं निकाला जा सका। अब देखना होगा कि, मौसम विभाग द्वारा दी गई चेतावनी के बाद जिला प्रशासन बारिश होने पर भरने वाले पानी को किस तरह से रोकने में कामयाब होता है।